कुंदन कुमार, पटना। राजद सुप्रीमो लालू यादव और पूर्व सीएम राबड़ी देवी आज बुधवार (28 मई) को कोलकाता से वापस पटना लौट आएं. पटना एयरपोर्ट पर मौजूद मीडियाकर्मियों ने लालू राबड़ी को पोता होने पर बधाई व शुभकामनाएं दी. हालांकि, उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और आगे बढ़ गए.
बिना जवाब दिए राबड़ी आवास के लिए हुए रवाना
इस दौरान लालू यादव और राबड़ी देवी दोनों मीडिया से बचते नजर आए. पत्रकारों ने उनसे तेज प्रताप यादव और अनुष्का यादव से जुड़े प्रकरण पर भी बात करनी चाही, लेकिन वह कुछ नहीं बोला और एयरपोर्ट से सीधे कार में बैठकर राबड़ी आवास के लिए रवाना हो गए. फिलहाल तेज प्रताप यादव की पटना में ही है. उन्होंने भी इस मामले को लेकर अभी तक मुंह नहीं खोला है. अब देखना यह है कि लालू यादव के पटना पहुंचने के बाद इस मामले में आगे क्या कुछ होता है? फिलहाल लालू परिवार तेज प्रताप को लेकर किसी भी बयान को देने से परहेज करते नजर आ रहा है.
पटना लौटने से पहले पोते का किया था नामकरण
आपको बता दें कि कोलकाता से पटना के लिए रवाना होने से पहले लालू यादव ने अपने पोते और तेजस्वी यादव के बेटे का नामकरण किया था. तेजस्वी यादव के बेटे को दुनिया में अब “इराज” के नाम से जाना जाएगा. लालू यादव और राबड़ी देवी ने अपने पोते का नाम लालू यादव के नाम पर रखा है. लालू यादव ने इस बात की जानकारी एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से दी है.
तेजस्वी ने बेटे का पूरा नाम इराज लालू यादव रखा
लालू यादव ने एक्स पर एक तस्वीर शेयर की थी, जिसमें लालू परिवार के नए बेटे के साथ राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, राजश्री और वह नजर आ रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि, हमारी पोती कात्यायनी के छोटे भाई का नाम मैंने और राबड़ी देवी ने “इराज” रखा है. तेजस्वी और राज श्री ने उसका पूरा नाम “इराज लालू यादव” रखा है. कात्यायनी का जन्म शुभ नवरात्रि के 6वें दिन कात्यायनी अष्टमी को हुआ था और इस नन्हे बच्चे का जन्म बजरंग बली हनुमान जी के मंगल दिवस मंगलवार को हुआ है, इसलिए उसका नाम इराज रखा गया है.
तेज प्रताप को पार्टी और परिवार से किया है बेदखल
गौरतलब है कि कल मंगलवार को राजश्री ने कोलकाता के एक अस्पातल में बेटे को जन्म दिया था. लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी अपनी बहू से मुलाकात करने के लिए एक दिन पहले ही कोलकाता पहुंचे थे. तेज प्रताप यादव और अनुष्का यादव का प्रकरण सामने आने के बाद राजद परिवार पर सत्ता पक्ष के लोग हमलवार थे. वही, हंगामा बढ़ता देख लालू यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से बाहर निकाल दिया था.
हालांकि एक तबका यह मान रहा है कि तेज प्रताप की बात को सुने बिना उन्हें पार्टी और परिवार से बेदखल करना गलत है. उनके साथ गलत हुआ है. वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि चुनाव को देखते हुए यह सियासी ड्रामा किया गया है. ऐसे में अब देखने वाली बात होगी की आगे आने वाले दिनों में क्या कुछ देखने और सुनने को मिलता है.
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