Lalu Prasad Yadav News: बिहार में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नज़दीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक हलचल भी तेज़ हो रही है। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के लिए एक बार फिर कानूनी मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही हैं। चारा घोटाले से जुड़े एक पुराने मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो की याचिका को झारखंड हाई कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है, जिसमें लालू यादव की सजा बढ़ाने की मांग की गई है।
साढ़े तीन साल की सजा बेहद कम
CBI का तर्क है कि देवघर ट्रेजरी से 89 लाख रुपये की अवैध निकासी जैसे गंभीर मामले में लालू प्रसाद यादव को मिली साढ़े तीन साल की सज़ा बेहद कम है। एजेंसी का मानना है कि यह अपराध न केवल सरकारी धन की लूट है, बल्कि जनता के भरोसे का भी घोर उल्लंघन है। इसलिए दोषियों को अधिकतम सज़ा देकर एक कड़ा संदेश दिया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि इस मामले में लालू यादव के साथ-साथ दो अन्य अभियुक्त बेक जूलियस और सुधीर कुमार भट्टाचार्य को भी सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी करार देते हुए समान सज़ा सुनाई थी। लेकिन अब सीबीआई इस सज़ा को नाकाफी मानते हुए इसे चुनौती दे रही है।
2019 से लंबित है मामला
यह पूरा मामला 2019 से लंबित है, जब CBI ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सजा में वृद्धि की मांग की थी। अब कोर्ट द्वारा याचिका को स्वीकार किए जाने से राजद खेमे की चिंता बढ़ गई है, खासकर तब जब चुनावों में केवल तीन महीने का वक्त बचा है। अगर हाई कोर्ट सज़ा बढ़ाने का फैसला करता है तो यह राजद और लालू यादव की सियासी रणनीति पर गहरा असर डाल सकता है।
फिलहाल झारखंड हाई कोर्ट के इस कदम ने बिहार की राजनीति में गर्मी और बढ़ा दी है, और आने वाले दिनों में यह मुद्दा चुनावी बहस का बड़ा हिस्सा बन सकता है।
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