पटना। राजद के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनकी पूर्व मुख्यमंत्री पत्नी राबड़ी देवी ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में IRCTC घोटाला मामले में रोजाना सुनवाई को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है। बचाव पक्ष का पक्ष बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कोर्ट में कहा कि यह मामला लगभग 18,000 पन्नों की चार्जशीट और 250 पन्नों के आदेश से जुड़ा है, जिसे समझने के लिए समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि न्यायालय ने चार महीने में आदेश तैयार किया है, इसलिए उन्हें भी केस स्टडी के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए। इसके अलावा, उनके मुवक्किल चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं, इसलिए रोजाना सुनवाई व्यावहारिक नहीं है। बचाव पक्ष ने यह भी बताया कि लालू यादव के खिलाफ चार अलग-अलग मामले चल रहे हैं और सभी मामलों में एक ही वकील पेश होते हैं। इसलिए तैयारी के लिए अधिक समय की आवश्यकता है। वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कम से कम चार हफ्ते का समय देने की अपील की ताकि गवाहों की जांच और मामले की तैयारी की जा सके।

CBI ने याचिका का किया विरोध

वहीं CBI के वकील ने इस याचिका का विरोध किया। उनका कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने सांसदों और विधायकों के मामलों का जल्दी निपटारा करने का निर्देश दिया है ताकि लंबित मामलों को कम किया जा सके। यदि सुनवाई सप्ताह में केवल एक दिन होती है, तो मामले के निपटारे में काफी समय लगेगा और इससे पीड़ितों को न्याय मिलने में देरी होगी।

पर्याप्त तैयारी का समय नहीं मिल रहा

यदि कोर्ट याचिका खारिज करे तो लालू के विकल्प अगर कोर्ट लालू यादव की याचिका स्वीकार नहीं करती है, तो वे हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में उस आदेश के खिलाफ अपील या विशेष अनुमति याचिका (SLP) दाखिल कर सकते हैं। यह कदम वे तब उठा सकते हैं जब उन्हें लगे कि रोजाना सुनवाई से उनके कानूनी अधिकार प्रभावित हो रहे हैं या पर्याप्त तैयारी का समय नहीं मिल रहा।

अभियोग तय और रोजाना सुनवाई का आदेश

IRCTC घोटाला मामले में 13 अक्टूबर को कोर्ट ने लालू यादव उनके परिवार और कुछ अन्य अभियुक्तों पर आरोप तय किए। साथ ही 27 अक्टूबर से रोजाना सुनवाई का आदेश भी दिया गया। कोर्ट ने कहा कि लालू यादव के जानकारियों में टेंडर घोटाले की पूरी साजिश रची गई थी और इसमें उनका हस्तक्षेप था, जिससे परिवार को लाभ हुआ।

लालू यादव ने इन आरोपों को निराधार बताया

लालू यादव ने इन आरोपों को निराधार बताया। यह मामला रांची और पुरी में स्थित IRCTC की दो होटलों के टेंडर में भ्रष्टाचार से जुड़ा है। बिहार चुनाव के बीच यह फैसला लालू और उनकी पार्टी आरजेडी के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।