पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की परेशानियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। हाल ही में सिवान एसीजेएम वन की कोर्ट ने उन पर कुर्की की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है। यह मामला वर्ष 2011 से जुड़ा हुआ है, जब लालू यादव रेल मंत्री और राजद के प्रमुख थे।
धारा 144 लागू थी
घटना 2011 के समय की है, जब लालू प्रसाद यादव ने सिवान जिले के दरौंदा में एक जनसभा को संबोधित किया था। इस जनसभा के दौरान क्षेत्र में धारा 144 लागू थी और लाउडस्पीकर का उपयोग प्रतिबंधित था, लेकिन लालू यादव ने न केवल सार्वजनिक रूप से भाषण दिया, बल्कि लाउडस्पीकर का भी इस्तेमाल किया। इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना गया और उनके खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया।
कुर्की जब्ती की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश
अब इस मामले में, लालू यादव की लगातार अनुपस्थिति के कारण सिवान की सीजेएम प्रथम कोर्ट ने कुर्की जब्ती की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इस मामले में इश्तेहार भी जारी किया है, जो लालू यादव के पैतृक गांव फुलवरिया में चिपकाया जाएगा। इससे पहले, समन और वारंट जारी किए गए थे, लेकिन उनकी अनुपस्थिति के चलते अब यह कदम उठाया गया है। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर अगले सुनवाई तक लालू यादव हाजिर नहीं होते, तो कुर्की की प्रक्रिया लागू की जाएगी।
30 मई को फिर से सुनवाई के लिए तय किया गया
यह मामला आगामी 30 मई को फिर से सुनवाई के लिए तय किया गया है। हालांकि, वर्तमान में लालू यादव दिल्ली के एम्स अस्पताल से इलाज करवा रहे हैं और अपनी बेटी मीसा भारती के दिल्ली स्थित आवास पर रह रहे हैं। उनके खिलाफ कोर्ट का यह नया आदेश एक और तकरार को जन्म दे सकता है, जो उनके लिए राजनीतिक और कानूनी दोनों मोर्चों पर एक चुनौती पेश करता है।
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