रायपुर। राजधानी के पठारीडीह के पटवारी का एक बड़ा करनामा सामने आया है. एक भू-माफिया के कहने पर पटवारी दो अलग-अलग भूखंड का एक ही खसरा ऑनलाइन रिकार्ड में दर्ज कर दिया है. मामले में पीड़ित के शिकायत के बाद भी राजस्व अधिकारी सीमांकन करने से आनाकानी कर रहे हैं.
पठारीडीह पटवारी हल्का क्रमांक 30 के खसरा नंबर 17/2 में भू-माफिया ने पहले कब्जा कर लिया. इसके बाद जब भू-स्वामी ने विरोध किया तो पटवारी से साठगांठ करके उक्त भूमि के खसरा में खेल कर दिया, जिससे आगे के लिए उक्त भूमि विवादित श्रेणी में आ जाए.

जानकार बताते हैं कि यह पैटर्न भू-माफिया बसंतू अग्रवाल द्वारा अपनाया जाता रहा है. पहले राजस्व अधिकारियों से मिलकर किसी भी किसान के राजस्व रिकार्ड में गड़बड़ी करना. और जब किसान की भूमि विवादित के नाम से प्रचारित हो जाए, तब उसे सस्ते दाम पर खरीदना. यह धोखा किसानों के साथ वर्षों से किया जा रहा है, जिसमें धरसींवा तहसील के अधिकारियों की संलिप्तता देखने को मिली है.
कोरोना काल में की अवैध प्लाटिंग
पठारीडीह में पुष्पा सिंह पति राजेश्वर सिंह ने 1990 में 26 एकड़ जमीन खरीदी थी. तब से उस भूमि पर खेती कर रहे थे. कोरोना काल का फायदा उठाकर भू-माफिया बसंतू अग्रवाल ने इससे लगी तकरीबन 40 एकड़ जमीन पर अवैध प्लाटिंग कर दी. इसके बाद जब उसके प्लाटिंग पर जाने के लिए रास्ता नहीं था, तब उसने पुष्पा सिंह की जमीन पर रास्ता बना दिया.
विवाद खड़ा करने वालों पर सख्त कार्रवाई
जब पुष्पा सिंह ने विरोध किया, तब उसने धमकी देना शुरू कर दिया. वजह यह है कि भू-माफिया जानता है कि यदि भूमि को विवादित प्रचारित कर दिया गया तो फिर उसे सस्ते दाम पर उक्त भूमि मिल जाएगी. इस संबंध में रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने कहा कि राजस्व रिकार्ड को पूर्णतः दुरुस्त रखने के निर्देश राजस्व अधिकारियों को दिए गए हैं. इसमें गड़बड़ी करके विवाद खड़ा करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
सीमांकन करने से आनाकानी
विवादों को समाप्त करने के लिए जब पुष्पा सिंह ने कई बार सीमांकन के लिए तहसीलदार धरसींवा बाबूलाल कुर्रे के पास आवेदन किया है, लेकिन राजस्व अधिकारी यह कह कर टाल देते हैं कि सीमांकन कराने से विवाद होगा. अब पुष्पा सिंह ने दल गठित सीमांकन के लिए आवेदन किया है, लेकिन अब तक तहसीलदार ने इस संबंध में आदेश जारी नहीं किया है.
किसानों से इकरारनामा बनाकर खेल
शिकायतकर्ता पुष्पा सिंह के अनुसार, ग्राम पठारीडीह स्थित खसरा नंबर 223 / 2 व 227/2 तथा ग्राम उरला स्थित खसरा नंबर 10, 12/2, 13/2 और 17/2 की भूमि स्वामी है, जिस पर वे 1990 से शांतिपूर्वक काबिज हैं. कुछ माह पहले भू-माफिया बसंतू अग्रवाल, संदीप अग्रवाल और भारती सतनामी द्वारा पीड़ित की भूमि से लगी अन्य किसानों की भूमि पर अवैध कब्जा कर प्लाटिंग की गई है. ये लोग किसानों के इकरारनामा के माध्यम से अवैध सौदे कर रहे हैं. इसके सहारे आसपास के किसानों की भूमि पर जबरन बाउंड्रीवाल और सड़क निर्माण किया गया है.
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