उत्तरकाशी। एक दिवसीय शीतकालीन यात्रा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उत्तरकाशी पहुंचकर मुखवा और हर्षिल से उत्तराखण्ड में शीतकालीन तीर्थाटन और पयर्टन की जोरदार ब्रांडिंग की। प्रधानमंत्री ने तीर्थयात्रियों, पर्यटकों से लेकर कॉरपोरेट और फिल्म उद्योग तक को विंटर सीजन में उत्तराखण्ड आने का निमंत्रण दिया। प्रधानमंत्री ने उत्तराखण्ड के विंटर टूरिज्म की ब्रांडिंग ‘घाम तापो टूरिज्म’ के तौर पर की है। हर्षिल में जनसभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने सबसे पहले बीते दिनों माणा में हुए हिमस्खलन में दिवंगत लोगों के प्रति दुख: व्यक्त किया।

देवभूमि से आध्यात्मिक ऊर्जा से ओत प्रोत

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की यह भूमि, आध्यात्मिक ऊर्जा से ओत प्रोत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, 2014 से पहले चार धाम यात्रा पर प्रतिवर्ष 18 लाख यात्री ही आते थे, अब हर साल 50 लाख से अधिक यात्री चार धाम यात्रा पर आ रहे हैं। इस साल के बजट में 50 टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित किए जा रहे हैं।पीएम ने कहा कि मां गंगा के आशीर्वाद से ही वो काशी पहुंच सांसद के रूप में काशी की सेवा कर रहे हैं। इसलिए उन्होंने कहा था कि मां गंगा ने ही उन्हें काशी बुलाया है। प्रधानमंत्री ने दार्शनिक अंदाज में कहा कि उन्हें कुछ महीने पहले अनुभूति हुई कि जैसे मां गंगा ने उन्हें गोद ले लिया है, अब अपने बच्चे के प्रति मां गंगा का दुलार ही है कि वो आज खुद मुखवा गांव पहुंच पाए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वो हर्षिल की धरती पर आकर, अपनी दीदी भुलियों को भी याद कर रहे हैं, क्योंकि वो उन्हें हर्षिल की राजमा और अन्य लोकल प्रॉडक्ट भी भेजती रहती हैं।

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पीएम मोदी ने केदारनाथ के किए दर्शन

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ साल पहले जब वो बाबा केदार के दर्शन के लिए आए थे तो बाबा के दर्शन के बाद उनके मुंह से अचानक ही भाव प्रकट हुआ कि ये दशक उत्तराखण्ड का होने जा रहा है। ये भाव भले ही उनके थे, लेकिन इसके पीछे सामर्थ्य देने की शक्ति बाबा केदार की थी। अब बाबा के आशीर्वाद से ये शब्द धीरे-धीरे सच्चाई में बदल रहे हैं। ये दशक अब उत्तराखण्ड का बन रहा है। उत्तराखण्ड की प्रगति के लिए, नए-नए रास्ते खुल रहे हैं, जिन आकांक्षाओं को लेकर राज्य का जन्म हुआ था, उत्तराखण्ड नित नए लक्ष्य और संकल्प लेते हुए, उन्हें पूरा कर रहा है। प्रधानमंत्री ने शीतकालीन तीर्थाटन-पर्यटन पर जोर देते हुए कहा कि इसके माध्यम से उत्तराखण्ड की आर्थिक सामर्थ्य को साकार करने में बहुत बड़ी मदद मिलेगी।

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टूरिज्म को लेकर धामी को दी बधाई

प्रधानमंत्री ने इस अभिनव पहल के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड के लिए अपने टूरिज्म सेक्टर को बहूआयामी या बारामासी बनाना बहुत जरूरी है। उत्तराखण्ड में 356 दिन का पर्यटन जरूरी है। वो चाहते हैं कि उत्तराखण्ड में कोई भी पर्यटन सीजन ऑफ नहीं रहे, बल्कि हर सीजन में टूरिज्म ऑन रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी पहाड़ों पर मार्च से जून के बीच ही ज्यादातर पर्यटक आते हैं, जबकि इसके बाद पर्यटकों की संख्या बहुत कम हो जाती है। अभी सर्दियों के सीजन में होटल, रिजॉर्ट, होम स्टे खाली पड़े रहते हैं। ये असंतुलन साल के बड़े हिस्से में उत्तराखण्ड की आर्थिकी को सुस्त कर देता हैं। जबकि सच्चाई यह है कि अगर देश-विदेश के लोग सर्दियों में यहां आए तो उन्हें सच्चे अर्थ में देवभूमि की आभा के दर्शन होंगे। विंटर टूरिज्म में यहां लोगों को ट्रैकिंग और स्कीइंग जैसी एक्टिविटी का रोमांच मिलेगा।

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उत्तराखण्ड में सर्दियों का समय बेहद खास

प्रधानमंत्री ने कहा कि धार्मिक यात्रा के लिए भी उत्तराखण्ड में सर्दियों का समय बेहद खास होता है। यहां इस समय कई तीर्थ स्थलों पर विशेष अनुष्ठान होते हैं। यहां मुखबा गांव में ही जो अनुष्ठान किया जाता है, वो हमारी प्राचीन परंपरा का हिस्सा है, इसलिए उत्तराखण्ड सरकार का बारामासी पर्यटन का विजन, लोगों को दिव्य अनुभूति से जोड़ेगा। इससे यहां साल भर रोजगार के अवसर पैदा होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार उत्तराखण्ड को विकसित राज्य बनाने के लिए मिलकर काम कर रही है। राज्य में चार धाम, ऑल वेदर रोड आधुनिक एक्सप्रेस वे से लेकर रेलवे और हेली सेवाओं का विस्तार हो रहा है। एक दिन पहले ही केंद्र सरकार ने केदारनाथ और हेमकुंट साहिब के लिए रोपवे को मंजूरी प्रदान की है। केदारनाथ रोपवे के जरिए आठ से नौ घंटे की पैदल यात्रा 30 मिनट में पूरी हो जाएगी। इससे बुजुर्ग, महिलाओं ओर बच्चों की यात्रा सुगम हो सकेगी।