दिलीप साहू, बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के भूमिहीन किसान परिवारों के लिए बहुत अच्छी खबर है. बेमेतरा जिला में एक ऐतिहासिक निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी मुहर लगा दी है. मामला  बेरला ब्लॉक में ग्राम पंचायत सांकरा का है. यहाँ तहसीलदार की ओर से जब रसूखदार बलेश्वर देवांगन के खिलाफ जाँच की गई तो 153 एकड़ ज़मीन सीलिंग के तहत निकली. इस आरोप है कि इस ज़मीन पर बलेश्वर देवांगन 30 साल से फसल ले रहा था. जाँच के बाद नायब तहसीलदार अजय चंद्रवंशी ने रिपोर्ट जिला प्रशासन को दी. जिला प्रशासन भूमिहीन किसानों को ज़मीन बाटने का निर्णय लिया.

इस निर्णय को लेकर बलेश्वर ने पहले जिला न्यायलय में चुनौती दी. लेकिन यहाँ से राहत नहीं मिलने पर वो हाईकोर्ट चले गए. लेकिन हाईकोर्ट ने भी जिला प्रशासन के फैसले को ही सही ठहाराय. बलेश्वर देवांगन इसके बाद सुप्रीम कोर्ट अर्जी लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने जिला प्रशासन को उपस्थित होकर अपने पक्ष रखने को कहा. जिला प्रशान 13 दिसंबर 2017 को सभी दस्तावेजों के साथ सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आखिकार फैसला जिला प्रशासन के पक्ष में ही दिया. इस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने जिला प्रशासन की ओर से सिलिंग की ज़मीनें भूमिहीन किसान परिवारों को बाटने के निर्णय पर अपनी मुहर लगा दी.