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कोलंबो। राष्ट्रपति गोटाबया राजपक्षे के इस्तीफा देने के बाद प्रधानमंत्री का दायित्व संभाल रहे रानिल विक्रमसिंघे ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के तौर पर शुक्रवार को शपथ ली. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जयंता जयसूर्या ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. नये राष्ट्रपति का चुनाव 20 जुलाई को होगा.
इस बीच मालदीप से सिंगापुर पहुंचने के साथ ही गोटाबये राजपक्षे ने राष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया था. 14 जुलाई से उनके इस्तीफे को औपचारिक तौर पर स्वीकार कर लिया है. श्रीलंका संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अबयवर्दने ने बताया कि रानिल विक्रमसिंघे कार्यवाहक राष्ट्रपति के तौर पर तब तक कार्य करेंगे, जब तक संसद नए राष्ट्रपति का चुनाव नहीं कर लेती है.
राजपक्षे ने नहीं मांगी शरण
इधर गोटाबया राजपक्षे के सिंगापुर पहुंचते ही वहां की सरकार ने सफाई दी है. सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने कहा कि राजपक्षे एक प्राइवेट विजिट यानी निजी यात्रा पर सिंगापुर आए हैं, और इसी आधार पर उन्हें प्रवेश की अनुमति दी गई है. मंत्रालय ने बयान में कहा कि राजपक्षे ने न ही शरण मांगी है, और न उन्हें शरण दी गई है. बता दें कि सिंगापुर आमतौर पर शरण की अनुमति नहीं देता है.
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