दिल्ली. निर्भया रेप केस के चारों आरोपियों की फांसी का पूरे देश को बेसब्री से इंतजार है. पूरे देश में एक जल्लाद को खोजने में तिहाड़ का जेल प्रशासन लगा हुआ है.

निर्भया के दोषियों की फांसी की सजा पर अंतिम मुहर लग चुकी है. अब इंतजार है तो उनके डेथ वारंट का. ये वारंट किसी भी समय तिहाड़ जेल प्रशासन को मिल सकता है. जब किसी को फांसी दी जाती है तो उस दौरान कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी होता है.

परंपरा के मुताबिक फांसी का समय सुबह के वक्त ही तय किया जाता है. इसके पीछे कारण है कि जिस कैदी को फांसी दी जानी है, उसे पूरे दिन अपनी मौत का इंतज़ार नहीं करना पड़ता है. जिस अपराधी को फांसी के फंदे पर चढ़ाया जाता है. उसे फांसी देने से पहले जल्लाद अपराधी के कान में कहता है कि हिंदुओं को राम राम और मुस्लिमों को सलाम. मैं अपने फर्ज के आगे मजबूर हूं. मैं आपके सच्चाई की राह पर चलने की कामना करता हूं. इन शब्दों के साथ वो अपराधी की जीवन लीला सदा के लिए खत्म कर देता.