रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश के विभिन्न इलाकों में शुक्रवार को हुई बारिश के बावज़ूद धान उपार्जन केंद्रों में खुले में रखे धान की सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम नहीं किए जाने पर प्रदेश सरकार व संबंधित ज़िम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही पर जमकर निशाना साधा है. अग्रवाल ने कहा कि पिछले वर्ष का लाखों मीटरिक टन धान सड़ा चुकने के बाद भी प्रदेश सरकार ने इस साल भी धान की सुरक्षा को लेकर अपनी विफलता का शर्मनाक परिचय दिया है. पूर्व मंत्री अग्रवाल ने तंज कसा कि एक तरफ़ प्रदेश सरकार अन्नदाताओं के परिश्रम का अपमान कर रही है और दूसरी तरफ़ एफसीआई में ज़्यादा चावल जमा करने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री व कांग्रेस पार्टी अपनी सरकार के निकम्मेपन पर पर्दा डाल रहे हैं.
भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार धान ख़रीदी के नाम पर प्रदेश के किसानों को तो लगातार छलती ही रही है, अब ख़रीदे गए धान की सुरक्षा नहीं करके राष्ट्रीय सम्पदा को क्षति पहुँचा रही है. धान ख़रीदी के दौरान प्रदेश सरकार ने धान की सुरक्षा के लिए बहुत डींगें हाँकी थीं, जिसकी ज़मीनी सच्चाई शुक्रवार को हुई बारिश के बाद साफ़ हो गई है. अग्रवाल ने कहा कि धान उपार्जन केंद्रों में खुले में बिना ढँके रखा धान बारिश में भीगता रहा लेकिन उनकी सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम शासन-प्रशासन के स्तर पर नहीं किए गए. ज़िम्मेदार अधिकारी भी धान को सुरक्षित रखने का मौखिक निर्देश देकर केवल ज़ुबानी जमा-ख़र्च करने में ही लगे रहे. अग्रवाल ने प्रदेश के विभिन्न इलाकों के उपार्जन केंद्रों में खुले पड़े धान के बारिश में भीगने की ख़बरों को चिंताजनक बताते हुए राष्ट्रीय सम्पदा की इस क्षति के लिए ज़िम्मेदार प्रदेश सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों पर आपराधिक मामला दर्ज़ करने की मांग कर कहा कि लाख दावों के बावज़ूद इस प्रकार धान की बर्बादी प्रदेश सरकार की कलंकपूर्ण कार्यप्रणाली का ही परिचायक है.
अग्रवाल ने कहा कि एक तरफ़ किसानों का परिश्रम प्रदेश सरकार की लापरवाही से बर्बाद हो रहा है, दूसरी तरफ़ मुख्यमंत्री व पूरी सरकार फ़िर चिठ्ठीबाजी में मशगूल होकर सियासी प्रलाप करने लगे हैं. तीन-तीन बार मोहलत लेकर भी जो प्रदेश सरकार अपने हिस्से का लाखों मीटरिक टन चावल एफसीआई में जमा नहीं करा सकी, वह अब किस मुँह से केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ विष-वमन करने में लगी है? श्री अग्रवाल ने कहा कि ख़रीदे गए धान की सुरक्षा, उसके समयबद्ध उठाव और समय पर कस्टम मिलिंग राज्य सरकार की ज़िम्मेदारी है, लेकिन प्रदेश सरकार हर बार अपनी नाकामियों का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ने की बुरी लत की शिकार हो गई है. राज्य सरकार व पूरी कांग्रेस पार्टी छत्तीसगढ़ में ‘राजनीतिक व प्रशासनिक अराजकता का उत्सव’ मना रहे हैं, जबकि उन्हें इतनी समझ तो होनी ही चाहिए कि केंद्र सरकार की इस बारे में एक नीति होती है जो पूरे देश के परिप्रेक्ष्य में तय की जाती है. लेकिन तयशुदा मापदंडों पर काम करने के बजाय बस सियासी नौटंकियाँ ही करना ही प्रदेश की भूपेश-सरकार की फ़ितरत हो गई है.