Bihar Election Survey: बिहार की राजनीति इन दिनों अपने चरम पर है। चुनाव नजदीक हैं और सत्ता की लड़ाई को लेकर पटना से लेकर दिल्ली तक सियासी गर्मी तेज हो गई है। एनडीए और महागठबंधन दोनों ही खेमों में सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पा रही है। वहीं, नेताओं के पाला बदलने और नए समीकरण बनने की कवायद ने मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है।
जन सुराज की एंट्री से बढ़ी हलचल
राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (PK) ने अपनी पार्टी जन सुराज के साथ बड़ा दांव खेला है। पीके ने एलान किया है कि उनकी पार्टी राज्य की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। तीन साल की तैयारी के बाद उन्होंने 51 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी कर दी है। यह कदम ऐसे समय में आया है, जब बड़े दल अब तक सीट शेयरिंग को लेकर अंतिम फैसला नहीं ले पाए हैं।
ताजा सर्वे में जनता का मूड
आजतक-सीवोटर के ताजा सर्वे के मुताबिक, बिहार की जनता इस बार सोच-समझकर वोट देने का मन बना रही है। आंकड़ों से साफ है कि इस बार लोग सिर्फ जातीय समीकरण नहीं, बल्कि रोजगार, भ्रष्टाचार और विकास जैसे मुद्दों पर वोट डालना चाहते हैं। सर्वे के मुताबिक एनडीए को 48.6% और महागठबंधन को 24.3% समर्थन मिलता दिख रहा है। हालांकि, एनडीए के भीतर छोटे दलों की नाराजगी और सीट बंटवारे का विवाद बड़ी चुनौती बन सकता है।
प्रशांत किशोर की मुहिम का असर
पीके की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम से 33.6% लोगों का मानना है कि विपक्ष (महागठबंधन) को फायदा मिलेगा। वहीं 22.4% का मानना है कि जन सुराज पार्टी को इसका सीधा लाभ होगा। सर्वे के अनुसार 42.6% मतदाता चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष मानते हैं, जबकि 31% अब भी असमंजस में हैं। करीब 16.5% का मानना है कि सत्ता पक्ष को इसका लाभ मिलेगा।
NDA के पक्ष में नए वोटरों का झुकाव
नए वोटर इस बार भी एनडीए के पक्ष में ज्यादा झुकते नजर आ रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, नए वोटरों में से 46.1% एनडीए के साथ हैं, जबकि महागठबंधन को 21.7% समर्थन मिला है। बेरोजगारी और पलायन का मुद्दा महागठबंधन के पक्ष में जाता दिख रहा है। इस मुद्दे पर 36.5% मतदाता महागठबंधन पर भरोसा करते हैं, जबकि 34.3% एनडीए और 12.8% जन सुराज के साथ हैं।
तेजस्वी सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री चेहरा
2025 के विधानसभा में सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री चेहरा की बात करे तो मौजूदा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव 36.2% लोगों की बतौर सीएम सबकी पहली पसंद बनकर उभरे हैं। हैरानी की बात है तेजस्वी के बाद प्रशांत किशोर को 23.2% लोगों का समर्थन मिलता दिख रहा है। वहीं, नीतीश कुमार बतौर सीएम तीसरे स्थान पर खिसक गए हैं। 15.9% लोग उन्हें फिर से सीएम देखना चाहते हैं। वहीं, चिराग पासवान और सम्राट चौधरी चौथे और पांचवे स्थान पर हैं। यह आंकड़े साफ दिखाते हैं कि बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव हो रहा है।
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