रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज राजधानी स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में श्रम विभाग द्वारा श्रमिक बच्चों के लिए संचालित “अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना” का शुभारंभ किया। उन्होंने चयनित बच्चों का सम्मान करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना से निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा का मार्ग प्रशस्त हुआ है। मुख्यमंत्री साय ने घोषणा की कि अगले शैक्षणिक सत्र से इस योजना का लाभ 200 बच्चों को मिलेगा।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि श्रमिक अनेक समाज के हित के लिए कार्य करता है, परंतु अपने परिवार के लिए बहुत कम समय, संसाधन, ऊर्जा और ध्यान दे पाता है। उनके भी सपने होते हैं कि उनके घर के बच्चे पढ़-लिखकर बेहतर जीवन जिएं, ताकि भविष्य में मजदूर का बेटा-बेटी केवल मजदूरी न करे, बल्कि समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, वकील और राजनेता बने। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के अंतर्गत श्रमिक बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़ में “अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना” प्रारंभ की है। इसके तहत प्रदेश के श्रमिकों के बच्चों को कक्षा छठवीं से बारहवीं तक श्रेष्ठ आवासीय विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा प्राप्त होगी। इनका पूरा खर्च श्रम विभाग द्वारा वहन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से कार्यक्रम के दौरान निर्माण श्रमिकों एवं उनके बच्चों ने मिलकर योजना का शुभारंभ पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना से अब हम अपने बच्चों के भविष्य को लेकर निश्चिंत हो गए हैं। इस योजना के माध्यम से बच्चों को अच्छी शिक्षा और भविष्य सँवारने का सुनहरा अवसर मिल गया है। हमारे लिए यह एक सपना था, जो अब पूरा हो गया है।

मुख्यमंत्री साय ने श्रमिकों से चर्चा करते हुए कहा कि निर्माण श्रमिकों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह योजना लागू की गई है। योजना के तहत चालू वर्ष में 100 निर्माण श्रमिकों के बच्चों को 14 निजी आवासीय विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। इन विद्यालयों में सीबीएसई और आईसीएसई पाठ्यक्रम के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई कराई जाएगी।

श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज श्रम विभाग के सहयोग से श्रमिक परिवारों के 100 बच्चों का दाखिला प्रदेश के 14 निजी आवासीय विद्यालयों में कराया गया है। सरकार की सोच है कि श्रमिक का बच्चा केवल श्रमिक न रहकर अधिकारी बने और देश की सेवा करे। उन्होंने बताया कि श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों के बच्चों के लिए निःशुल्क कोचिंग योजना भी संचालित की जा रही है, जिसके निश्चित ही दूरगामी परिणाम सामने आएँगे।

श्रम मंत्री देवांगन ने आगे कहा कि श्रम विभाग के अंतर्गत तीन मंडल संचालित हैं, जिनमें लगभग 70 से अधिक योजनाएं चलाई जा रही हैं। राज्य सरकार द्वारा पिछले 20 माह में लगभग 600 करोड़ रुपये का लाभ श्रमिकों को डीबीटी के माध्यम से पहुँचाया गया है। उन्होंने योजना के तहत चयनित बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अध्यक्ष डॉ. रामप्रताप सिंह ने कहा कि श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी के संकल्पों को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सुशासन की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है। राज्य में लगभग 30 लाख से अधिक पंजीकृत श्रमिक हैं, जिनके बच्चे अच्छे विद्यालयों में नहीं पढ़ पाते थे। उनके लिए “अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना” किसी वरदान से कम नहीं है। इस योजना से श्रमिकों के बच्चों को बेहतर विद्यालयों में पढ़ने का अवसर मिलेगा। उन्होंने चयनित बच्चों एवं अभिभावकों को शुभकामनाएं दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

इस मौके पर श्रम विभाग के सचिव हिम शिखर गुप्ता ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर संयुक्त सचिव फरिहा आलम, श्रम कल्याण मंडल के सचिव गिरीश रामटेके सहित बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे एवं उनके अभिभावक उपस्थित थे।