हेमंत शर्मा, इंदौर। आज इंदौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्चुअल के माध्यम से स्टार्ट-अप पॉलिसी पोर्टल की लॉन्चिंग की जाएगी। इसमें ऐसे स्टार्ट-अप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बात करेंगे जिन्होंने कम पूंजी लगाकर आज कंपनी को करोड़ों के टर्नओवर तक पहुंचा दिया है।
ऐसे ही एक स्टार्टअप शुरू करने वाले युवा तौसीफ खान ने बताया कि पढ़ाई के समय 10 लाख रुपए का एजुकेशन लोन था। इसके बावजूद दोस्त से 3 लाख रुपए उधार लेकर किसानों की मदद के लिए एप्लीकेशन लॉन्च की। प्रत्येक गांव गांव जाकर किसानों से फसल में आने वाली परेशानियों को लेकर जानकारी ली और उनके लिए हेल्पलाइन कॉल सेंटर भी खोला। आज कंपनी 600 करोड़ के टर्नओवर तक पहुंच गई है। कंपनी से 17 लाख किसान अब जुड़ चुके हैं और अपनी फसल को लेकर समय-समय पर हेल्पलाइन से जानकारियां लेते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस प्रकार के स्टार्ट-अप की सफलता की कहानियों का संग्रह करेंगे।
कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश की स्टार्टअप पॉलिसी शुभारंभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रदेश के 6 युवाओं से बात भी करेंगे। जिन्होंने खुद का स्टार्टअप शुरू किया है, इन्हीं छह में से एक युवा है ग्वालियर के रहने वाले राजदीप पांडे, जिन्होंने नवीन प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी बनाई है। कंपनी का मुख्य उद्देश्य पानी की गुणवत्ता को बनाए रखते हुए विभिन्न क्षेत्रों में पानी का कुशल उपयोग करना है। राजदीप पांडे के द्वारा तैयार की गई कंपनी के पास मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में 100 से अधिक परियोजनाओं में कार्य का अनुभव है, जिसमें उन्होंने दो करोड़ से ज्यादा लीटर पानी का संरक्षण किया है साथ ही सीओ-टू (CO-2) उत्सर्जन में 4.5 टन से अधिक की कमी की है।
राजदीप पांडे के अनुसार उन्होंने अपनी कंपनी की शुरुआत 2019 में की थी लेकिन आज वह ग्वालियर को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं क्योंकि उनकी स्टार्टअप कंपनी कि वजह से वह पीएम मोदी से बात कर सकेंगे। राजदीप का कहना है कि वह अपने इस कार्य का पीएम मोदी के सामने प्रेजेंटेशन भी देंगे। उनका सपना है कि ग्वालियर देश की पहली ऐसी स्मार्ट सिटी बने जो वाटर पॉजिटिव हो। गौरतलब है कि राजदीप पांडेय की एनविराज कंसल्टिंग प्राइवेंट लिमिटेड स्टार्ट-अप कम्पनी कंसल्टेंसी सेवाओं के अलावा, कंपनी जल परियोजनाओं में भी नवीन उत्पाद विकसित कर रही है, जिनके अनुसंधान को IIT दिल्ली, IIT चेन्नई, IIT कानपुर, इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड सहित विभिन्न संस्थानों द्वारा फाइनेंशियल स्पोर्ट किया जाता है।
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