सुप्रिया पांडेय, रायपुर। अंग्रेजी ठीक से जानने वाले वकीलों को ही केस ज्यादा मिलता है, ये तो गलत बात है. सभी भाषाओं में काम होने चाहिए. लोगों को न्याय मिले यही हमारी प्राथमिकता है. आम आदमी और न्याय के बीच में कोई दूरी नहीं होनी चाहिए. यह बात आयकर अपीलीय अधिकरण के नए भवन के शुभारंभ कार्यक्रम में मंच से केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजेजू ने कही.

मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि मैं अपने आप को बहुत भाग्यवान मानता हूं कि यहां आने का मौका मिला. 4 करोड़ 25 लाख के आसपास के केस पेंडिंग थे, जब मैं कानून मंत्री बना. अब साढ़े 4 करोड़ से ज्यादा पेंडिंग केसेस हो गए. जितने मामले निपटाए जा रहे हैं, उससे दोगुने नए केस आ रहे हैं जो बहुत चिंताजनक है. काम हो रहे हैं इसलिए केसेस भी बढ़ रहे हैं. कोरोना काल में भी सबने समर्पित भाव से काम किया है.

वकीलों और जजों के ऊपर भी काम न लटके इसलिए प्रेशर होना चाहिए, महीनों-महीनों तक काम नहीं लटकना चाहिए. समय पर न्याय जरूरी है, देरी से न्याय का क्या फायदा. आम आदमी और न्याय में दूरी नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सुकमा, जगदलपुर, नारायणपुर के केस हाईकोर्ट बिलासपुर में बुलाये जाए ऐसा नहीं होना चाहिए, लोगों के पास जाकर न्याय मिले ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए. हम नई व्यवस्था पर काम कर रहे हैं ई-कोर्ट को लेकर, सुप्रीम कोर्ट से दूर कहीं बैठकर भी केस से संबंधित जुड़ सके ऐसी व्यवस्था कर रहे. कोई

मंत्री ने कहा कि अंग्रेजी नहीं जानता तो काम रुक जाएगा क्या? इस देश में कोई सोचे अंग्रेजी बोल रहा तो बहुत स्मार्ट है तो ये तो बहुत गलत बात है, अंग्रेजी ठीक से जानने वाले वकीलों को ही केस ज्यादा मिलता है, ये तो गलत बात है. सभी भाषाओं में काम होने चाहिए. छत्तीसगढ़ी में भी बात हो सकती है. कई कानून बिना मतलब के हैं. कम से कम कानून होने चाहिए. लोगों को अपने तरीके से जीने देना चाहिए. हमारा काम गाइड करने और सपोर्ट करने का होना चाहिए.