Law Against Anti Conversion: भारत में धर्म परिवर्तन (proselytism) एक गंभीर मुद्दा है। गरीबी ज्यादा होने के कारण यहां प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन आसाननी से करा दिया जाता है। राजस्थान (Rajasthan) की भजनलाल सरकार (bhajanlal government) धर्म परिवर्तन के खिलाफ अब एक्शन मोड में आ गई है। राजस्थान की भजनलाल सरकार ने  मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में बताया कि वह राज्य में अवैध तरीकों से धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून (Anti-Conversion Law) लाने की प्रक्रिया में है। शीर्ष अदालत में दायर अपने हलफनामे में राज्य सरकार ने कहा कि राजस्थान राज्य अपना कानून लाने की प्रक्रिया में है और तब तक वह इस विषय पर कानून, दिशानिर्देशों या माननीय न्यायालय द्वारा पारित निर्देशों का सख्ती से पालन करेगा।

Lok Sabha Speaker की कुर्सी को लेकर ‘NDA’ को मात देने के लिए ‘INDIA’ ने चली ये चाल? TDP को दिया ये बड़ा ऑफर

गौरतलब है कि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भरत लाल मीणा का हलफनामा साल 2022 की एक जनहित याचिका में दायर किया गया था। एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने एडवोकेट अश्विनी दुबे के माध्यम से एक जनहित याचिका दायर कर केंद्र और राज्य सरकारों को डराने, धमकाने, धोखे से उपहार और मौद्रिक लाभ का लालच देकर धोखाधड़ी वाले धर्म परिवर्तन के मामलों को कंट्रोल करने और इसके लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश देने की मांग की थी।

Tamil Nadu: तमिलनाडु में जहरीली शराब से मातम, 33 लोगों की मौत, 60 अस्पताल में भर्ती

राष्ट्र की सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है ये मुद्दाः सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जबरन धर्म परिवर्तन अगर सच है, तो यह एक गंभीर मुद्दा है जो राष्ट्र की सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है। इसी के साथ कोर्ट ने केंद्र से प्रतिक्रिया की मांग की थी. याचिका में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ की गई कुछ कथित अपमानजनक टिप्पणियों पर स्पष्ट रूप से ध्यान देने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले का शीर्षक ‘अश्विनी उपाध्याय बनाम राज्य’ से बदलकर ‘धार्मिक रूपांतरण का मुद्दा’ कर दिया।

किसानों के लिए खुशखबरीः MSP को लेकर मोदी सरकार का बड़ा ऐलान, कैबिनेट बैठक में इन 14 फसलों पर लिया फैसला, PM ने कही ये बड़ी बात

2008 में राष्ट्रपति ने नहीं दी थी मंजूरी

बताते चलें कि राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की सरकार ने 2008 में धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक पारित किया था। हालांकि राज्य विधानसभा में पारित होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिली। इसकी वजह से ये कानून नहीं बन सका था। अब भजनलाल सरकार इसे वापस लेगी। लव जिहाद और धार्मिक रूपांतरण के कथितत मामलों को रोकने के लिए राजस्थान सरकार एक नया कानून लाने का निर्णय लिया है। राजस्थान के गृह विभाग ने विधेयक को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। गृह विभाग का दावा है कि राज्य में धर्म परिवर्तन के मामले बढ़ रहे हैं. प्रस्तावित नए विधेयक में प्रलोभन, धोखाधड़ी या जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए सख्त प्रावधान हैं।

NEET UG Paper Leak: एग्जाम से एक दिन पहले लीक हुआ था पेपर, मास्टरमाइंड अमित आनंद का कबूलनामा

नए बिल में क्या हो सकता है खास

– लालच, धोखाधड़ी या जबरन किए गए धर्मांतरण के लिए तीन साल की कैद और ₹25,000 का जुर्माना।
– नाबालिगों, महिलाओं या अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों का धर्म परिवर्तन कराने पर 5 साल की कैद और 50 हजार रुपए तक का जुर्माना।
– धर्म परिवर्तन के इच्छुक व्यक्तियों के लिए जिला कलेक्टर को 30 दिन पहले सूचित करना अनिवार्य है। यह अधिसूचना आवश्यकता अपने मूल विश्वास में लौटने वाले व्यक्तियों पर भी लागू होती है।

विशेष समुदाय को टारगेट करने का आरोप भी
बेंच के पास उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों के धर्मांतरण विरोधी कानूनों को इस आधार पर चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाएं भी हैं कि वे कथित तौर पर एक विशेष अल्पसंख्यक समुदाय के प्रति भेदभावपूर्ण हैं।

रात के अंधेरे में SEX करने में अंतर्लीन थे प्रेमी-प्रेमिका, तभी ग्रामीणों की पड़ गई नजर और हो गया खेला?

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H