पटना। जिले में अपराधियों के हौसले एक बार फिर बुलंद दिखाई दिए जब रविवार को सुल्तानगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत बीच सड़क पर दिनदहाड़े एक वकील की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक की पहचान जितेन्द्र कुमार महतो के रूप में हुई है, जो पेशे से वकील थे और पटना सिविल कोर्ट में वकालत करते थे। इस वारदात से इलाके में सनसनी फैल गई है और लोग दहशत में हैं।

ताबड़तोड़ गोलियां चलाई

बताया जा रहा है कि रविवार दोपहर जितेन्द्र रोज की तरह अपने घर से चाय पीने निकले थे। चाय पीकर जब वह लौट रहे थे, तभी रास्ते में घात लगाकर बैठे अपराधियों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। घटनास्थल से पुलिस को तीन खोखे बरामद हुए हैं, जिससे पता चलता है कि हमलावरों ने कम से कम तीन गोलियां चलाई थीं। गोली लगने के बाद घायल जितेन्द्र को आनन-फानन में उनके परिजन पीएमसीएच (PMCH) ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें बचा नहीं सके। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

घर में मचा कोहराम

जितेन्द्र कुमार का घर घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर मोहमदपुर में स्थित है। वह पिछले दो वर्षों से कोर्ट नहीं जा रहे थे। परिजनों के अनुसार, उन्होंने अपनी प्रॉपर्टी से आय अर्जित करने के लिए कई दुकानें रेंट पर दे रखी थीं। इसके चलते वह पूरी तरह वकालत से अलग हो चुके थे। जितेन्द्र के परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा और एक बेटी हैं। इस अचानक हुई हत्या से उनका परिवार सदमे में है।

इलाके में दहशत का माहौल

परिजनों और आसपास के लोगों को इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि आखिर किसने और क्यों जितेन्द्र की हत्या की। स्थानीय लोगों का कहना है कि जितेन्द्र काफी सीधे-सादे और मिलनसार व्यक्ति थे, उनका किसी से कोई झगड़ा या दुश्मनी नहीं थी। इस घटना ने इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।

पुलिस जांच में जुटी

पटना के एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है। घटनास्थल के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है ताकि आरोपियों की पहचान की जा सके। साथ ही आस-पास के लोगों से भी पूछताछ की जा रही है।

हत्या की वजह नहीं आई सामने

फिलहाल इस हत्याकांड के पीछे की वजह साफ नहीं हो सकी है। पुलिस हर पहलू से जांच कर रही है, जिसमें प्रॉपर्टी विवाद, पुरानी रंजिश और पेशेवर दुश्मनी जैसे बिंदु शामिल हैं। पटना पुलिस का दावा है कि जल्द ही इस हत्या का खुलासा किया जाएगा और दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा। यह वारदात एक बार फिर सवाल खड़ा करती है कि राजधानी पटना में आम आदमी और खासकर पेशेवरों की सुरक्षा कितनी कमजोर हो चुकी है।