रायपुर। बिलासपुर उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें ओबीसी वर्ग आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर सीधे 27 प्रतिशत कर दिया था. कोर्ट के फैसले के बाद जहां इस मामले में सीएम आगे लड़ाई लड़ने की बात कह रहे हैं, वहीं भाजपा ने सरकार की नीयत पर ही सवाल उठा दिया है. नेता प्रतिपक्ष ने स्टे के पीछे सरकार के ही लोगों के हाथ होने की आशंका जाहिर की है.

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने इस मामले में मीडिया से बात करते हुए कहा, “सरकार की नीयत ही नहीं थी कि सभी वर्गों को आरक्षण का लाभ मिले. जिस दिन आरक्षण लागू किया, हमने कहा स्वागत करते है. उसका क्रियान्वयन होना चाहिए और यदि देश मे किसी को लाभ मिलता है तो हमारे लिए खुशी की बात है. हो सकता है कि उनके बीच के ही लोगों ही स्टे लगवाए हो.”

गौरतलब है कि कोर्ट द्वारा इस मामले में रोक लगाने पर सीएम ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, “हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया है उसमें पहले ही छत्तीसगढ़ में 58 प्रतिशत आरक्षण था. अब जा के आरक्षण 69 प्रतिशत को उन्होंने स्वीकार किया है इसका अर्थ यह हुआ कि 13 प्रतिशत अनुसूचित जाति को जो दिया गया था उसे उन्होंने स्वीकार किया है. 10 प्रतिशत जो सामान्य वर्ग के लोगों के लिए थे उसे भी भी कोर्ट ने स्वीकार किया है. 13 प्रतिशत जो ओबीसी के लिए है उसके लिए हम लोगों को लड़ाई लड़नी पड़ेगी, हमारा फैसला गलत नही है हम माननीय न्यायालय के सामने सभी साक्ष्य पेश करेंगे.”

आपको बता दें प्रदेश सरकार ने ओबीसी का आरक्षण सीधे 13 प्रतिशत बढ़ाकर 14 से 27 प्रतिशत कर दिया था. जिससे प्रदेश में आरक्षण की सीमा बढ़कर 69 से सीधे 82 प्रतिशत हो गई थी. जो कि देश में सर्वाधिक आरक्षण प्रतिशत है. मामले में चार लोगों ने हाईकोर्ट में सरकार के इस फैसले के खिलाफ जनहित याचिका लगाई थी. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार और याचिकाकर्ताओं का पक्ष सुनने के बाद शुक्रवार को बढ़े हुए आरक्षण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है.