Rajasthan News: विधानसभा सत्र के अंतिम दिन नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार के प्रदर्शन और जवाबदेही पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री सदन में सवालों के उत्तर देने में असमर्थ रहे, विशेष रूप से बच्चों से जुड़ी छात्रवृत्ति योजनाओं पर सरकार का रुख स्पष्ट नहीं है।

बिजली-पानी पर चर्चा से बच रही सरकार
टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं पर होनी चाहिए, लेकिन इन अहम मुद्दों पर चर्चा नहीं की जा रही। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार 24 घंटे बिजली देने का दावा करती है, लेकिन वास्तविकता में केवल 15-16 घंटे ही बिजली मिल रही है। गर्मी के मौसम में बढ़ती मांग को देखते हुए भी कोई ठोस प्रबंधन नहीं किया गया है।
कोचिंग विधेयक पर कड़ा विरोध
जूली ने कोचिंग सेंटरों से जुड़े नए विधेयक पर सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने इसे बड़े कोचिंग संस्थानों के हित में बताया और कहा कि यह अधूरा कानून विद्यार्थियों के हितों के खिलाफ है। जूली ने चेतावनी दी कि इस कानून से शिक्षा के क्षेत्र में असमानता बढ़ेगी, और इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने अभिभावकों की आर्थिक शोषण और बढ़ते आत्महत्या के मामलों का हवाला देते हुए सरकार को विद्यार्थियों की समस्याओं पर ध्यान देने की सलाह दी।
इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप
टीकाराम जूली ने इतिहास को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राणा सांगा राजस्थान की शान हैं, लेकिन सरकार ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है, जिससे लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है।
लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन
उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा में विधायकों को पूरक प्रश्न पूछने का अधिकार है, लेकिन सरकार इस पर रोक लगाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर हमला बताया और कहा कि यह जनता की आवाज दबाने की कोशिश है। टीकाराम जूली ने सरकार से मांग की कि वह जवाबदेही सुनिश्चित करे और जनता से जुड़े वास्तविक मुद्दों पर ध्यान दे।
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