नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राजनेताओं के साथ-साथ पक्षकारों और धार्मिक नेताओं की प्रतिक्रिया आने लगी है. सभी ने एक स्वर में फैसले का स्वागत करते हुए इसे देश के सामाजिक ताने-बाने को समृद्ध और सशक्त करने वाला बताया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को इस लिहाज से उल्लेखनीय बताया क्योंकि किसी भी विवाद का कानून के दायरे में रहकर समाधान संभव है. यह साथ ही हमारी न्यायपालिका की स्वतंत्रता, पारदर्शिता और दूरदर्शिता को साबित करती है. यह साबित करता है कि कानून के सामने सभी समान है.

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया यह ऐतिहासिक निर्णय अपने आप में एक मील का पत्थर साबित होगा. यह निर्णय भारत की एकता, अखंडता और महान संस्कृति को और बल प्रदान करेगा. दशकों से चले आ रहे श्री राम जन्मभूमि के इस कानूनी विवाद को आज इस निर्णय से अंतिम रूप मिला है. मैं भारत की न्याय प्रणाली व सभी न्यायमूर्तियों का अभिनन्दन करता हूँ.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि यह मामला दशकों से चल रहा था, और इसका उचित पटाक्षेप हुआ है. इसे किसी की जीत हार या जीत की तरह नहीं देखना चाहिए. साथ ही हम समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखने के सभी के प्रयासों की सराहना करते हैं.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अयोध्या पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक करार दिया है. उन्होंने कहा कि इस फैसले के भारत का सामाजिक ताना-बाना और सुदृढ़ होगा. उन्होंने सभी से फैसले को समभाव और खुले मन से स्वीकार करना चाहिए, साथ ही उन्होंने सभी से इस ऐतिहासिक फैसले के बाद शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करते हुए सभी से शांति बनाए रखने की अपील की है.

बिहार के मुख्यमंत्री नितिश कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी को स्वागत करना चाहिए. यह सामाजिक सौहार्द के लिए फायदेमंद है. मेरी अपील है कि अब इस मुद्दे पर अब और कोई विवाद नहीं होना चाहिए. बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सभी से हर हाल में सम्मान करने की बात कही है.

पूर्व मंत्री उमा भारती ने अपने ट्वीट में सुप्रीम कोर्ट के दिव्य फ़ैसले का स्वागत करते हुए इस कार्य के लिए जीवन की आहुति देने वाले अशोक सिंघल को स्मरण किया, साथ ही पूर्व गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी का अभिनंदन किया, जिनके नेतृत्व में सब लोगों ने इस महान कार्य के लिए अपना सर्वस्व दांव पर लगा दिया था. आध्यात्मिक गुरू श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पर सभी लोगों की आस्था है.

वहीं रामलला के मंदिर को लेकर याचिका दायर करने वालों में से एक इकबाल अंसारी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने आखिर अपना फैसला सुना दिया है. हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. वहीं एक और पक्षकार निर्मोही अखारे के प्रवक्ता कार्तिक चोपड़ा ने कहा कि निर्मोही अखाड़ा सुप्रीम कोर्ट का आभारी है, कि जिसने उनके 150 सालों के संघर्ष को स्वीकार करते हुए केंद्र सरकार द्वारा बनाए जाने वाले ट्रस्ट के साथ श्रीराम मंदिर जन्मस्थान मंदिर के संचालन में प्रतिनिधित्व दिया है.