पुरूषोत्तम पात्र, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में कांग्रेस के प्रत्याशी बनने शुरू हुई रस्साकस्सी अब गहरा विवाद का रूप ले लिया है. आपत्ति पीसीसी तक पहुंचना शुरू हो गया है. आरोप है कि पीसीसी द्वारा जारी नियमों को ताक में रखकर जिम्मेदारों ने अपनी मनमानी की है. इतना ही नहीं आवेदन लेने के एवज में पैसे तक लेने के गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं. कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष भाव सिंह साहू जब दावेदारों की सूची में अपना नाम शामिल कर रहे थे, तो आपत्ति के बाद 27 अगस्त के बैठक में ही पीसीसी ने मौखिक आदेश कर प्रशासनिक महामंत्री ठाकुर ओमकार सिंह को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया है.

क्या बोले पीसीसी के उपाध्यक्ष ?

मामले से पीसीसी के उपाध्यक्ष और गरियाबंद जिले के प्रभारी अंबिका मरकाम ने अनभिज्ञता जाहिर किया है. उन्होंने कहा की आरोप और शिकायत की जानकारी आपसे पता चल रहा है. वहीं विवाद के बाद एक दिन पहले ही जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यवाहक अध्यक्ष ठाकुर ओमकार सिंह ने कहा कि शिकायत मिली है, जिसे पीसीसी को अवगत करा दिया गया है. अंदरूनी मामले हैं, जिसे आपस में सुलझा लिया जाएगा.

बने पैनल में तीन के बजाए 4-4 नाम भेजे गए

सभी दावेदारों को मौका मिले और व्यवस्थित ढंग से नाम बिना किसी विवाद के पीसीसी तक पहुंच जाए, उसके लिए पीसीसी ने 16 अगस्त को ही नियमावली जारी कर दिया था. ब्लॉक से मिले नामों के बाद फाइनल स्क्रूटनी के लिए 27 को जिला कांग्रेस की बैठक हुई. राजिम से 33 और बिंद्रानवागढ से 20 लोगों ने अपनी दावेदारी ब्लॉक में प्रस्तुत किया था. नियम के मुताबिक जिले को इन्हीं नामों से तीन तीन नाम का पैनल बनाना था, लेकिन दावेदारी और दमदारी को देखते हुए 4,4 नाम का पैनल भेजा गया.

जिला अध्यक्ष भावसिंह साहू द्वारा राजिम की सूची में चौथे दावेदार के रूप में शामिल हैं. हालांकि भवसिंह साहू ने विधिवत आवेदन दिया हुआ था. राजिम विस से दावेदार राघोबा महाडिक, शैलेन्द्र साहू, युगल पांडेय, डीके ठाकुर, गोरे लाल सिन्हा, समेत अन्य ने ब्लॉक व जिले में हुए भर्राशाही के खिलाफ लिखित आपत्ति दर्ज कराई है. पीसीसी के नाम जिला प्रभारी अंबिका मरकाम के नाम,कार्यवाहक अध्यक्ष को ज्ञापन 27 अगस्त को सौंपा गया.

ज्ञापन में दावेदारों ने खोली पोल

पीसीसी के नाम सौंपे ज्ञापन में 3 के बजाए 4 नाम के पैनल को लेकर आपत्ति दर्ज के अलावा लिखा गया है कि व्यक्ति विशेष द्वारा विशेष दबाव बनाया जा रहा है. आगे लिखा गया है कि छुरा व गरियाबंद ब्लॉक अध्यक्ष के पारिवारिक रिश्तेदार भी दावेदार थे, एसे में प्रत्याशी चयन प्रक्रिया पर पारदर्शिता संभव नहीं. चयन प्रक्रिया को पीसीसी से किए जाने की मांग की गई है. कांग्रेसी नेता डीके ठाकुर ने बताया की फिंगेश्वर ब्लॉक में लगभग 10 दावेदार थे, लेकिन भारी दबाव के कारण 5 नाम के बजाए केवल सिंगल नाम जिला को भेजा गया.

देवभोग ब्लॉक कांग्रेस पर लगे पैसे लेने के आरोप

देवभोग ब्लॉक में टिकट के युवा दावेदार कन्हैया मांझी ने पीसीसी पहुंच कर 27 अगस्त को एक ज्ञापन सौपा है, जिसमें ब्लॉक अध्यक्ष पर कई गंभीर आरोप लगाया है. मांझी ने कहा है कि ब्लॉक में दावेदारों का फार्म लेने से पहले 5_5 हजार लिया गया. ऑनलाइन भुगतान का स्लिप भी मांझी ने पीसीसी चीफ दीपक बैज को दिखा कर कार्रवाई की मांग की है. कन्हैया ने कहा कि प्रत्येक दावेदारों को मौका मिल सके इसलिए दावेदार अपने स्थानीय ब्लॉक में आवेदन करेंगे, लेकिन ज्यादातर दावेदार सभी ब्लॉक में फार्म भर दिए. 5 के पैनल में स्थानीय लोगों को स्थान नहीं मिल सका.

नाम पंहुचा की नहीं बना हुआ है संशय

पार्टी सूत्रों के मुताबिक राजिम विस के लिए बनाए गए प्रत्याशी के पैनल में अमितेश शुक्ल, युगल पांडेय, शैलेंद्र साहू व भाव सिंह साहू का नाम है, जबकि बिंद्रानवागढ विस के लिए बने पैनल में जनक ध्रुव, संजय नेताम,सेवन पुजारी व लोकेंद्र कोमर्रा के नाम का जिक्र है. गरियाबंद में बैठक 5 बजे संपन्न हुई. नाम बंद लिफाफे में भरे भी गए, लेकिन शाम 6 बजे के बाद कार्यवाह अध्यक्ष ठाकुर ओमकार नजरों से ओझल हो गए. करीबी लोग उन्हें ढूढते रहे. लग्जरी बड़ी गाड़ी में जाने की अफवाह उड़ी. रात 12 बजे फिर वे सामने आए.

चर्चा है कि जिला कमेटी के बीच में बने नाम पीसीसी तक पहुंचने के बजाए बाद में दबाव पूर्ण बनाए गए सूची तो नहीं. इस बात की चर्चा आज दिन भर जिले के राजनीतिक गलियारों में होती रही. अध्यक्ष को ओझल करने की कहानी सभी समझ गए हैं, लेकिन जुबान में लाने की हिम्मत कोई नहीं कर रहा है. इस घटना की पुष्टि लल्लूराम भी नहीं करता है.

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus