Opposition Leaders Meeting: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर अब सियासी पारा गरमा गया है. मोदी को सत्ता से बेदखल करने के लिए पटना में चल रही विपक्षी दलों की महाबैठक खत्म हो गई है. जहां 15 विपक्षी दलों के नेताओं के बीच लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने को लेकर सहमति बन गई है. हालांकि, 12 जुलाई को एक बार फिर विपक्ष एकजुट होकर मीटिंग करेगा. इस बैठक में 6 राज्यों के सीएम और 5 राज्यों के पूर्व सीएम के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे मौजूद रहे.

बता दें कि, बैठक के बाद विपक्ष के तमाम नेताओं ने साझा प्रेस कान्फ्रेंस की. जहां सभी नेताओं ने विपक्षी एकता को लेकर सहमति होने की जानकारी दी. वहीं इस विपक्षी एकता की नींव रखने वाले बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा, कि सभी ने मिलकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. अगले महीने होने वाली अगली बैठक में इसे अंतिम रूप देंगे. दूसरी बैठक में सीट बंटवारे पर चर्चा होगी. एक साथ चलने की सहमति हुई है. अगली बैठक में तय होगा कि कौन कहां लड़ेगा.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, हम 12 जुलाई को शिमला में फिर से मिल रहे हैं, जिसमें हम एक सामान्य एजेंडा तैयार करेंगे. हमें हर राज्य में अलग-अलग तरह से काम करना पड़ेगा.

वहीं राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा और RSS हिंदुस्तान की नींव पर आक्रमण कर रही है. यह विचारधारा की लड़ाई है और हम साथ खड़े हैं. हमने निर्णय लिया है कि हम एक साथ काम करेंगे और अपनी सामान्य विचारधारा की रक्षा करेंगे. यह विपक्षी एकता की प्रक्रिया है जो आगे बढ़ेगी.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस चीफ ममता बनर्जी ने कहा कि इस बैठक में सीएम और पूर्व सीएम शामिल हुए. यह एक अच्छी बैठक रही. हम बहुत लंबे समय के बाद लालू जी को राजनीतिक क्षेत्र में देख रहे हैं. शरद पवार, अखिलेश, राहुल जैसे वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ अन्य लोग भी यहां हैं. पटना में जो कुछ भी शुरू होता है वह जन आंदोलन के रूप में उभरता है. हमने दिल्ली में कई बैठकें कीं, लेकिन कोई सार्थक नतीजा नहीं निकला. हम एकजुट हैं, हम एकजुट होकर लड़ेंगे और हमारी लड़ाई को विपक्ष की लड़ाई नहीं कहा जाना चाहिए, बल्कि भाजपा की तानाशाही और उनके काले कानूनों के खिलाफ लड़ाई कहा जाना चाहिए.

27 नेता हुए शामिल

पटना में हुई इस महाबैठक में 15 दलों के 27 नेता शामिल हुए. इन नेताओं के नाम नीतीश कुमार (जेडीयू), ममता बनर्जी (एआईटीसी), एमके स्टालिन (डीएमके), मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस), राहुल गांधी (कांग्रेस), अरविंद केजरीवाल (आप), हेमंत सोरेन (झामुमो), उद्धव ठाकरे (एसएस-यूबीटी), शरद पवार (एनसीपी), लालू प्रसाद यादव (राजद), भगवंत मान (आप), अखिलेश यादव (सपा), केसी वेणुगोपाल (कांग्रेस), सुप्रिया सुले (एनसीपी), मनोज झा (राजद), फिरहाद हकीम (एआईटीसी), प्रफुल्ल पटेल (एनसीपी), राघव चड्ढा (आप), संजय सिंह (आप), संजय राऊत (एसएस-यूबीटी), ललन सिंह (जेडीयू),संजय झा (राजद), सीताराम येचुरी (सीपीआईएम), उमर अब्दुल्ला (नेकां), टीआर बालू (डीएमके), महबूबा मुफ्ती (पीडीपी), दीपंकर भट्टाचार्य (सीपीआईएमएल)तेजस्वी यादव (राजद), अभिषेक बनर्जी (एआईटीसी), डेरेक ओ’ब्रायन (एआईटीसी), आदित्य ठाकरे (एसएस-यूबीटी) और डी राजा (सीपीआई) हैं.

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