शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्यप्रदेश में ब्यूरोक्रेसी पर नेता भारी पड़ रहे है। यही कारण है कि अब प्रदेश के नगर निगम आयुक्त के अधिकार कम होंगे। पांच करोड़ से अधिक की लागत वाले काम को मंजूरी नहीं दे सकेंगे। महापौरों की शिकायत पर नगर निगम कमिश्नरों (आयुक्तों) के अधिकारों को कम करने का प्रस्ताव तैयार हुआ है।
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नए प्रस्ताव के तहत पांच (05 करोड़) से अधिक लागत के कामों को मंजूरी नहीं दे सकेंगे। प्रदेश के महापौरों ने इसकी शिकायत की थी। शिकायत में बताया गया था कि MIC मेंबर और पार्षदों के अधिकारों का निगम कमिश्नर हनन कर रहे है।अधिकार क्षेत्र से अधिक राशि के कार्यों का (टेंडर) कई भागों ( टुकड़ों) में जारी करते हैं। वर्तमान में 05 करोड़ के कामों को मंजूरी देने का निगम आयुक्त को अधिकार है। नए प्रस्ताव में वित्तीय अधिकार घटाने के आदेश होंगे।
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