दमोह. लोकसभा चुनाव के लिए टिकटों की माथापच्ची के बीच मध्यप्रदेश बीजेपी में अब अपनों के लिए टिकट की मांग शुरू हो गई है. जहां भाजपा हमेशा से अन्य राजनीतिक पार्टीयों पर वंशवाद का आरोप लगाती रही है, परिवारवाद को लेकर पार्टी में घमासान जारी है लेकिन उसमें अब नया मोड़ आ गया है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बेटे ने परिवारवाद के आरोपों के बाद लोकसभा चुनाव लड़ने से पूरी तरह इंकार कर दिया है.
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखते हुए कहा कि वो परिवारवाद का कलंक लेकर राजनीति नहीं करना चाहते हैं, इसलिए लोकसभा चुनाव के लिए अपनी दावेदारी वापस ले रहे हैं।लोकसभा चुनाव के लिए दमोह संसदीय क्षेत्र से नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक दीपू भार्गव ने दावेदारी पेश की थी.
अभिषेक भार्गव सोशल मीडिया पर अपनी दावेदारी वापस लेते हुए लिखते हैं कि आदरणीय मोदी जी और आडवाणी जी के वंशवाद के विरूद्ध दिए गए बयान के बाद स्वयं में अपराधबोध महसूस कर रहा हूं। इतने बड़े संकल्प को लेकर पार्टी राष्ट्रहित में एक युद्ध लड़ रही है और सिर्फ अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए उस संकल्प की सिद्धि के रास्ते में रूकावट बनूं यह भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता होने के नाते मेरा स्वाभिमान मुझे इजाजत नहीं देता है।इससे पहले नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने नेताओं के बेटे-बेटियों को टिकट देने की खुलकर वकालत की थी।
गौरतलब हो कि इसके पहले मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने अपने बेटे अभिषेक भार्गव लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बताया था. भोपाल में बीजेपी चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक में गोपाल भार्गव ने कहा था कि टिकट मांगना सबका अधिकार है. मेरा बेटा 14 साल से मेरी सहायता कर रहा है, युवा मोर्चे में भी अलग अलग पदों पर रहा है. सबका टिकट मांगने का अधिकार है. मैं जहां तक मानता हूं कि संबंध के कारण किसी को टिकट से वंचित नहीं करना चाहिए. यदि वो टिकट डिजर्व करता है तो उसे टिकट मिलना चाहिए.