सुप्रिया पांडेय, रायपुर। सबसे पहले जांजगीर, फिर अभनपुर और अब रायपुर… गुलमोहर के पेड़ में लगी हरी-भरी पत्तियां को कीड़े रातोंरात चट करते जा रहे हैं. गुलमोहर के पेड़ों पर इतनी तादात में पहली बार कीड़ों को देख कृषि वैज्ञानिक भी चकित हैं. इसके पीछे मौसम में आए बदलाव को बड़ा कारण मान रहे हैं.

कीड़ों के रातोंरात गुलमोहर के पेड़ की पत्तियों को सफाचट किए जाने को लेकर कृषि वैज्ञानिक डॉ. गजेन्द्र चंद्राकर बताते हैं कि सब बात की सबसे पहले जानकारी जांजगीर जिले से मिली थी, वहां कलेक्टोरेट के आसपास लगे गुलमोहर के पेड़ों पर इसका असर देखने को मिला था. उसके बाद अभनपुर में भी इसी तरह की घटना सामने आई है. गुलमोहर में इतनी बड़ी मात्रा में पहली बार कीड़े देखने को मिल रहे हैं.

डॉ. चंद्राकर बताते हैं कि पिछले 7-8 महीने में जब से लॉकडाउन का पीरियड चालू हुआ है तब से मौसम में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है. मौसम का बार-बार ठंडा गर्म होना. ऐसा लगता है कि कीड़े के लिए अनुकुल परिस्थितियां तैयार हो गई, जिसके कारण ये शहर के आवासीय परिसर में जहां भी गुलमोहर के झाड़ लगे हुए वहां इनके आक्रमण देखने को मिल रहे है.

इसके कीड़े 1-2 अंडे देते है, फिर 4-5 दिन में इसकी इल्लियां तैयार हो जाती है, जो गुलमोहर के पेड़ को पत्तियों को चट करती जाती है, और कुछ दिनों में पौधे पत्तीविहिन हो जाते हैं. ये कीड़े केवल पत्तियों को ही काट पाते है और ज्यादातर झाड़ के नीचे पाए जाते हैं. इसके चलने का तरीका इस तरह का है कि ये अर्धचंद्र का जैसा दिखता है. इसे सेमीलूपर कहा जाता है.

कीड़े का नियंत्रण कैसे करें

जहां कीड़े का प्रकोप है जहां गुलमोहर का झाड़ है उसके निचे नीम की खली का धुंआ करना चाहिए. रोज धुआं करने से धीरे-धीरे कीड़े का प्रकोप कम होता है. नीम आधारित कीटनाशक का भी स्प्रे कर सकते हैं.  इसके लिए 5 एमएल प्रति लीटर पानी का उपयोग कर सकते हैं.