रायपुर. मोहन मरकाम के मंत्री पद की शपथ ग्रहण करने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है. जारी अधिसूचना में मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कहा है कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री की सलाह पर विधानसभा के सदस्य मोहन मरकाम को मंत्री नियुक्त किया है. वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नवनियुक्त मंत्री मोहन मरकाम को शपथ ग्रहण के बाद गुलदस्ता भेंटकर बधाई और शुभकामनाएं दी.

मोहन मरकाम का सियासी सफर काफी लंबा रहा है, उन्होंने शिक्षक की नौकरी छोड़कर सियासत में कदम रखा था. मोहन मरकाम का जन्म कोंडागांव जिले के टेंडमुण्डा गांव में 15 सितंबर 1967 को एक किसान परिवार में हुआ था. उनके पिता स्व भीखराय मरकाम एक किसान थे. वे अपने माता-पिता के पांचवीं संतान थे. मोहन के कुल 7 भाई व 2 बहनें हैं.

मोहन मरकाम ने शासकीय सेवा के रूप में शिक्षाकर्मी वर्ग 1 व शिक्षाकर्मी वर्ग 2 के रूप में भी कार्य किया. मोहन मरकाम छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हो गए थे. उन्होंने छात्र संघ के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारियों का निवर्हन किया. छात्र जीवन में मोहन मरकाम एनसीसी के सीनियर अंडर अफसर रहे. मोहन का चयन गणतंत्र दिवस के परेड के लिए नई दिल्ली में भी हुआ था. मोहन मरकाम ने 1990 में महेंद्र कर्मा की मौजूदगी में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्ता ली थी. उन्होंने 1993, 1998, 2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी से टिकट की दावेदारी भी की, लेकिन टिकट नहीं मिला.

2008 में मोहन मरकाम को पहली बार कांग्रेस ने कोंडागांव सीट से चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हे 2771 वोटों से हार का सामना करना पड़ा. 2008 में मोहन मरकाम को पहली बार कांग्रेस ने कोंडागांव सीट से चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें 2771 वोटों से हार का सामना करना पड़ा. 2013 में कांग्रेस पार्टी ने फिर से मोहन को टिकट दिया और इस बार उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन मंत्री लता उसेंडी को मात दे दी.