Legendary Indian Footballer Tulsidas Balaram Passes Away Aged At 87: देश के बेहतरीन फुटबॉलरों में से एक और भारतीय फुटबॉल के स्वर्ण युग (1951-1962) का हिस्सा रहे तुलसीदास बलराम का गुरुवार को कोलकाता में मल्टीपल ऑर्गन फेलियर के कारण निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे। हालत बिगड़ने पर उन्हें पिछले साल 26 दिसंबर को कोलकाता के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

तुलसीदास बलराम उत्तरपारा में हुगली नदी के किनारे एक फ्लैट में रहते थे। 1957 से कोलकाता उनका गोद लिया हुआ घर था। तबीयत बिगड़ने के बाद से वे आईसीयू में थे। उनका यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और पेट की बीमारी का इलाज चल रहा था।

परिवार के एक करीबी सूत्र ने कहा, ‘उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ और उन्होंने आज दोपहर करीब दो बजे अंतिम सांस ली।’ साल 2021 में भी उनके दिमाग से खून का थक्का निकाला गया था।

तुलसीदास बलराम 1956 और 1960 में दो ओलंपिक में भारत के लिए खेले और एशियाई फुटबॉल के शिखर तक पहुंचे। महान कोच सैयद अब्दुल रहीम के मार्गदर्शन में भारत ने 1962 में जकार्ता में दक्षिण कोरिया को 2-1 से हराकर एशियाई खेलों का स्वर्ण जीता था। तुलसीदास बलराम उस स्वर्ण पदक विजेता दल के सदस्य थे।

तुलसीदास बलराम 1956 और 1960 में दो ओलंपिक में भारत के लिए खेले और एशियाई फुटबॉल के शिखर तक पहुंचे। महान कोच सैयद अब्दुल रहीम के मार्गदर्शन में भारत ने 1962 में जकार्ता में दक्षिण कोरिया को 2-1 से हराकर एशियाई खेलों का स्वर्ण जीता था। तुलसीदास बलराम उस स्वर्ण पदक विजेता दल के सदस्य थे।

बलराम ज्यादातर ‘सेंटर फॉरवर्ड’ या ‘लेफ्ट विंगर’ के रूप में खेलते थे। हालांकि, तपेदिक के कारण उनका करियर केवल 8 साल (1955 से 1963) तक ही चल सका और उन्हें 27 साल की उम्र में खेल को अलविदा कहना पड़ा। 4 अक्टूबर 1936 को गैरिसन सिटी के अम्मुगुडा गांव में एक तमिल परिवार में जन्मे, सिकंदराबाद, तुलसीदास बलराम ने सात सत्रों में भारत के लिए 14 सहित 131 गोल किए।

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