रायपुर। विधानसभा में जगदलपुर विधायक रेखचन्द जैन ने शिक्षा के अधिकार में प्राइवेट स्कूलों द्वारा किए गए घोटाले का मुद्दा उठाया और बस्तर में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत विद्यालयों में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को दिए गए प्रवेश की जानकारी मांगी. इसका स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेम साय सिंह ने जवाब दिया और जांच के आदेश दिए हैं. 

दरअसल शिक्षा के अधिकार में प्राइवेट स्कूलों द्वारा सरकार से ज़्यादा पैसे वसूले है. गरीब बच्चों को पढ़ाने के एवज में यह पैसे लिए गए है. जबकि शासन की ओर से 25 प्रतिशत गरीब छात्र को फ्री में पढ़ाने पर फीस मिलता है.

विस में लगा विधायक रेखचन्द जैन का सवाल

विधायक ने आदिम जाति विकास मंत्री से पूछा कि (क) बस्तर जिला के अंतर्गत वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत किन-किन विद्यालयों में आर्थिक रूप से कमजोर कितने-कितने बच्चों को प्रवेश दिया गया ? (ख) प्रश्नांश “क” के संदर्भ में प्रवेशित बच्चों के एवज में विद्यालयों को कितनी-कितनी राशि भुगतान AU किया जाना था और कितनी राशि का भुगतान किया गया? वर्षवार एवं स्कूलवार जानकारी देवें.

आदिम जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम का जवाब

(क) वैशाली नगर विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत् 108 प्राईवेट स्कूलों में बी.पी.एल. श्रेणी के छात्रों को आर.टी.ई. के अंतर्गत निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है. (ख) प्रश्नांश “क” अनुसार आर.टी.ई. अधिनियम के अन्तर्गत अध्ययनरत छात्र/छात्राओं के लिए निजी विद्यालयों को 31 जनवरी 2020 तक राशि रु. 6,86,55,748.94 का भुगतान किया गया है. शालावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शाये अनुसार है.