रायपुर। छत्तीसगढ़ में बाघों के संरक्षण और गणना को लेकर एक बेहद दिलचस्प जानकारी विधानसभा के सत्र के दौरान निकलकर सामने आई है. जनता कांग्रेस के विधायक अजीत जोगी के सवाल पर वन मंत्री मो. अकबर ने जो जानकारी दी वह बेहद चौंकाने वाली है. जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में बाघों के संरक्षण के लिए 34 करोड़ से अधिक की राशि खर्च होने के बाद 27 बाघ कम हो गए हैं !
जी हाँ ये आंकड़ा चौंकाने वाला है कि ऐसा क्या हुआ कि सिर्फ चार साल में 27 बाघ कम हो गए, यही नहीं चौंकाने वाला आंकड़ा यह भी कि चार साल में बाघों की संख्या में अचानक 20 की बढ़ोत्तरी भी हो जाती है. और एक बार चार साल में ऐसा भी आंकड़ा सामने आया है जिसमें एक भी वृद्धि नहीं होती है.
आंकड़ों के इस व्यापक बदलाव के बीच सवाल उठ रहा है कि कहीं कोई बड़ा गोलमाल तो तत्कालीन रमन सरकार में तो नहीं हुआ ? क्योंकि ये सारे आंकड़े और खर्च रमन सरकार के कार्यकाल के हैं. जो जानकारी सत्र के दौरान निकलकर सामने आई उसे आप वर्षवार इस तरह समझिए-
बाघों की संरक्षण में खर्च राशि
2015-16 में 4 करोड़ 75 लाख 29 हजार 2 सौ 81
2016-17 में 10 करोड़ 63 लाख 91 हजार 3 सौ 88
2017-18 में 11 करोड़ 97 लाख 37 हजार 4 सौ 82
2018-19 में 7 करोड़ 36 हजार 4 सौ 7
बाघों की गणना
2006 में 26
2010 में 26
2014 में 46
2018 में 19