Lenskart IPO: भारतीय स्टॉक मार्केट में इस हफ्ते सबसे ज़्यादा चर्चा में है लेंसकार्ट. वह कंपनी जिसने करोड़ों भारतीयों की नजर सुधारी, अब खुद निवेशकों की नजर में है. 31 अक्टूबर से खुला लेंसकार्ट का IPO बाजार में एक साथ उत्साह और संशय दोनों लेकर आया है. लोग पूछ रहे हैं क्या यह निवेश का सही फ्रेम है या सिर्फ एक और हाई-वैल्यू ग्लेयर?
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Lenskart IPO
Lenskart IPO का पूरा गेमप्लान
लेंसकार्ट अपने इस पब्लिक ऑफर के जरिए ₹7,278 करोड़ जुटाने की तैयारी में है. इसमें से ₹2,150 करोड़ नए शेयरों से आएंगे और बाकी रकम पुराने निवेशकों की बिक्री से प्राप्त होगी. कंपनी ने इस इश्यू का प्राइस बैंड ₹382 से ₹402 प्रति शेयर तय किया है.
न्यूनतम निवेश 37 शेयरों के एक लॉट का है, यानी ₹14,874 से बोली की शुरुआत होगी. यह ऑफर 4 नवंबर तक खुला रहेगा और 10 नवंबर को BSE-NSE पर लिस्टिंग होगी. कंपनी की वैल्यूएशन लगभग ₹70,000 करोड़ मानी जा रही है, जो भारतीय आईवियर इंडस्ट्री के लिए एक रिकॉर्ड स्तर है.
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मुनाफे की रोशनी और ग्रोथ का ग्लास
वित्त वर्ष 2025 लेंसकार्ट के लिए ऐतिहासिक रहा. कंपनी ने ₹297 करोड़ का मुनाफा कमाया, जबकि पिछले साल (FY24) उसे ₹10 करोड़ का घाटा हुआ था. रेवेन्यू 22% बढ़कर ₹6,625 करोड़ तक पहुंच गया.
कंपनी ने दुनियाभर में 105 नए कलेक्शन लॉन्च किए, 1.24 करोड़ ग्राहकों को 2.72 करोड़ यूनिट बेचे और 100 मिलियन से अधिक ऐप डाउनलोड दर्ज किए. 2,723 ग्लोबल स्टोर्स और 105 मिलियन वेबसाइट विज़िटर्स के साथ लेंसकार्ट अब सिर्फ़ भारत नहीं, बल्कि एक वैश्विक आईवियर ब्रांड बन चुका है.
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2010 से अब तक: एक विजन की कहानी (Lenskart IPO)
लेंसकार्ट की शुरुआत 2010 में हुई थी, जब पीयूष बंसल और उनके साथियों ने भारत में चश्मा पहनने की आदत बदलने का सपना देखा. शुरुआत ऑनलाइन बिजनेस से हुई और 2013 में पहला रिटेल आउटलेट खोला गया.
कुछ समय तक टीम ने लेंसकार्ट, ज्वेलकार्ट, बैगकार्ट और वॉचकार्ट जैसी साइट्स चलाईं, लेकिन मार्केट की संभावनाओं को देखते हुए पूरा फोकस लेंसकार्ट पर कर दिया गया. आज कंपनी की वैल्यूएशन 5 बिलियन डॉलर से अधिक है और वह थाईलैंड जैसे देशों में भी अपना बिजनेस तेजी से बढ़ा रही है.
IPO का मतलब और निवेशकों के लिए संकेत
IPO यानी Initial Public Offering, किसी भी कंपनी के लिए वह क्षण होता है जब वह अपने शेयर पहली बार आम जनता को ऑफर करती है. यह कंपनी के विस्तार, फंड जुटाने और भरोसे के नए अध्याय की शुरुआत होती है.
लेंसकार्ट का IPO भी उसी दिशा में एक बड़ा कदम है. लेकिन सवाल वही है, क्या यह IPO निवेशकों के लिए क्लियर विज़न साबित होगा या ब्लर चॉइस?
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