नीरज काकोटिया, बालाघाट। मध्यप्रदेश के बालाघाट के वारासिवनी क्षेत्र के बोदालकसा में किसान यादोराव बिसेन के घर में घुसे व्यस्क मादा तेंदुआ (12 वर्ष) का रेस्क्यू आखिरकर सफल नहीं हो सका. उसकी मौत हो गई. इस मामले में वन विभाग की लापरवाही कही जा रही हैं.
बोदालकसा निवासी यादोराव बिसेन दम्पत्ति जब सो रहे थे, तब बुधवार की रात लगभग 11 बजे 2 तेंदुआ घर में घुस आये थे. जिसमें तेंदुआ ने 2 बकरियों का शिकार किया और 1 तेंदुआ मौके से फरार हो गया. लेकिन 1 मादा तेंदुआ घर के भीतर ही घुसा रहा. इसकी सूचना वन विभाग को दी गई. जिसपर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और तेंदुआ को एक अन्य कक्ष में सुरक्षित भिजवा दिया गया. साथ ही आधा दर्जन अधिकारियों की टीम गठित कर सुरक्षा में तैनात किया गया.
तेंदुआ के घर में घुसने की खबर आग की तरह फैल गई. जिसके चलते दूसरे दिन आज सुबह से ही यादोराव के घर के पास ग्रामीणों का हुजूम उमड़ा रहा. तेंदुआ के रेस्क्यू के लिये पेंच से टीम बुलाई गई, लेकिन टीम इतने देरी से पहुंची की रेस्क्यू काफी देर यानी लगभग 16 घंटे बाद दोपहर में प्रारंभ हो सका. रेस्क्यू कर उसे जब पकड़कर पिंजरा में लाया गया, तो उसकी कुछ देर में ही मौत हो गई.
रेस्क्यू होने तक मादा तेंदुआ सकुशल दिखाई दे रहा था. इससे समझा जा रहा हैं कि उसे हाईडोज लग जाने के कारण मौत हो गई. इस व्यस्क मादा तेंदुआ उम्र 12 साल के रेस्क्यू करने में लगभग 16 घंटे की देरी होने को भी माना जा रहा हैं. जिससे उसका रेस्क्यू असफल हो गया और मौत के मुंह में समा गया.
वन विभाग की घोर लापरवाही कही जा रही हैं. रेस्क्यू करने वाले विशेषज्ञ व पशु चिकित्सक ने कहा कि तेंदुआ व्यस्क हो गया था और वह सही तरीके से शिकार नहीं कर पा रहा था. 2-3 दिन से भूखा होने के कारण उसके शरीर में कुछ भी नहीं बचा था. जिससे उसकी मौत हो गई.
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