Lepakshi Mandir: आंध्र प्रदेश के अनंतपुर में स्थित लेपाक्षी मंदिर अपनी अनोखी स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है. इसे ‘हैंगिंग पिलर मंदिर’ भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ एक स्तंभ जमीन से आधा इंच ऊपर लटका हुआ दिखाई देता है, जिसे ‘आकाश स्तंभ’ कहा जाता है.

यह मंदिर रहस्य, आस्था और स्थापत्य कला का अद्भुत संगम है, जो सदियों से लोगों को आकर्षित करता आ रहा है.

Also Read This: तमिलनाडु का अनोखा मंदिर: यहां 24 मिनट की पूजा से प्रसन्न होते हैं भगवान, जानिए रोचक तथ्य…

ब्रिटिश इंजीनियर की खोज (Lepakshi Mandir)

1924 में ब्रिटिश इंजीनियर हैमिल्टन ने इस स्तंभ का रहस्य जानने के लिए इसे हिलाने की कोशिश की, लेकिन इससे अन्य खंभे भी हिलने लगे. इसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने जांच की और पाया कि यह निर्माण दोष नहीं, बल्कि तत्कालीन इंजीनियरों की कुशलता का प्रमाण था.

पौराणिक कथा (Lepakshi Mandir)

‘लेपाक्षी’ का अर्थ तेलुगु भाषा में ‘उठो, पक्षी’ होता है. मान्यता है कि ‘रामायण’ के अनुसार, यहीं पर जटायु और रावण के बीच युद्ध हुआ था, जिसमें जटायु घायल होकर गिर पड़े थे. जब भगवान राम वहाँ पहुंचे, तो उन्होंने जटायु से कहा— “ले पाक्षी”, जिसका अर्थ है “उठो, पक्षी.”

Also Read This: Social Media पर महाकुंभ में नहाने वाली लड़कियों की फोटो बिक्री को लेकर अखिलेश ने साधा निशाना, कहा- ‘सरकार GST कमाकर इस गोरखधंधे की हिस्सेदार नहीं बन रही है ?’

मंदिर का निर्माण (Lepakshi Mandir)

यह मंदिर 1530 ईस्वी में विजयनगर साम्राज्य के दो अधिकारी, विरुप्पा नायक और विरन्ना, द्वारा बनवाया गया था. इसका मुख्य देवता भगवान वीरभद्र हैं, जो भगवान शिव के उग्र रूप हैं.

मंदिर में तीन प्रमुख कक्ष, भित्तिचित्र (फ्रेस्को पेंटिंग्स) और नक्काशीदार मूर्तियाँ हैं. मंदिर से 200 मीटर दूर, 27 फीट लंबी और 15 फीट ऊँची विशाल नंदी प्रतिमा भी आकर्षण का केंद्र है.

Also Read This: महाकुंभ नहीं ‘मृत्यु कुंभ’! ऐसे बयान देने से छवि अच्छी नहीं होगी, बल्कि लोग नफरत की दृष्टि से देखेंगे- प्रेम गिरी महाराज

अधूरा विवाह मंडप (Lepakshi Mandir)

मंदिर परिसर में एक अधूरा विवाह मंडप है, जिसे शिव-पार्वती के विवाह के लिए बनाया गया था. किंवदंती है कि राजा ने अपने पुत्र की चमत्कारिक रूप से ठीक हुई आँखों के कारण इसे अधूरा छोड़ दिया.