रायपुर। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को पत्र लिखकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने NEET काउंसिलिंग प्रक्रिया में आ रही कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए जरूरी परिवर्तन के लिए सुझाव दिए हैं. इसके साथ ही विद्यार्थियों और पालकों की समस्या को देखते हुए NEET की पूरी प्रवेश प्रक्रिया का केंद्रीकरण करने के साथ एक ही स्थान पर सभी कॉलेज के एडमिशन की व्यवस्था की मांग की गई है.
छत्तीसगढ़ चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रवेश नियम के अनुसार MBBS/BDS के लिए NEET में शामिल अनारक्षित वर्ग के लिए 50 प्रतिशात्मक (Percentile) और आरक्षित श्रेणी के लिए 40 प्रतिशात्मक कट ऑफ मार्क्स निर्धारित किया गया है, वहीं फिजियोथैरेपी (BPT) पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए कोई भी कट ऑफ मार्क्स नहीं तय किया गया है. लेकिन DME के पूर्व के आदेश के कारण तीनों पाठ्यक्रम – MBBS/BDS/BPT के लिए विद्यार्थियों का पंजीयन अलग-अलग कराया गया और प्रत्येक बार पंजीयन के लिए 1000 रुपए शुक्ल लिया गया.
डॉ. राकेश गुप्ता ने इसे अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि ऑनलाईन पंजीयन में विद्यार्थियों के आवेदन पत्र भरते समय थोड़ी सी भी त्रुटि होने पर उसे नि:शुल्क संशोधन करने का विकल्प दिये बिना फिर से 1000 रुपये संशोधन शुल्क के नाम पर जमा कराया जाता है. ऐसे में संशोधन के लिए विकल्प देने पर उनसे दोबारा संशोधन फीस न ली जाए.
इसी तरह NEET में सम्मिलित हुए विद्यार्थी को एक बार परीक्षा शुल्क देने के बाद काउंसिलिंग प्रक्रिया में औसतन दो से तीन बार काउंसिलिंग शुल्क देना पड़ रहा है, जिसे अव्यवहारिक बताते हुए डॉ. गुप्ता ने NEET में समस्त पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए कट ऑफ मार्क की पात्रता वाले विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन शुल्क एक ही बार लेकर चयनित कोर्स में प्रवेश का अवसर देने की मांग की है.
इसी प्रकार यदि किसी विद्यार्थी को काउंसिलिंग के प्रथम चरण में किसी पाठ्यक्रम में सीटें आबंटित कर दी जाती है और वह विद्यार्थी किसी कारणवश उस पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं ले पाता है, तो उसे आने वाले किसी भी चरण की काउंसिलिंग में सम्मिलित होने से अपात्र घोषित कर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि पात्रता वाले विद्यार्थियों को द्वितीय चरण की काउंसिलिंग में दूसरे वरीयता के चुने हुए कोर्स के लिए पात्रता दी जाए.
डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि उपरोक्त सभी (NEET) प्रवेश परीक्षा नियम 25 मई 2018 के बनाये गए हैं एवं काउंसिलिंग में आने वाली विद्यार्थियों की इस व्यवहारिक कठिनाई को 3 वर्ष बाद भी ना तो संशोधित किया जा रहा है और ना ही नियमों का ठीक तरह से पालन किया जा रहा है. ऐसे में प्रवेश और काउंसिलिंग प्रक्रिया में समय-समय पर आने वाली जटिलताओं का सरलीकरण किया जाए.
विगत वर्ष कॉउंसलिंग प्रकिया 21 जून 2019 से प्रारंभ होकर 21 अक्टूबर 2019 तक चली,अर्थात 4 महीने तक लंबी चलने वाली इस कॉउंसलिंग प्रक्रिया में विद्यार्थी व पालक बुरी तरह परेशान होते रहे, कोरोना संक्रमण के कारण विलंब से शुरू हुई नीट काउंसलिंग के कारण पूरा सत्र छे महीने देर से शुरू होने की संभावना है. यदि प्रवेश प्रक्रिया इस वर्ष इतनी लंबी चलेगी, तो विद्यार्थियों का शैक्षणिक सत्र निश्चित रूप से ही पिछड़ जाएगा.