नई दिल्ली . सरकारी फंड से 2.44 करोड़ रुपये का निजी प्रयोग करने वाले 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मंजूरी दे दी है. इनमें सिपाही से सबइंस्पेक्टर स्तर के कर्मचारी शामिल हैं.
इन सभी आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक अक्तूबर, 2019 को आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात की एफआईआर दर्ज हुई थी. राजनिवास सूत्रों के अनुसार, इन सभी पुलिसकर्मियों पर वेतन, एरियर और ट्यूशन फीस आदि के फंड को निजी कार्य में इस्तेमाल करने का आरोप है.
जांच के दौरान पाया गया कि यह राशि आरोपी व्यक्तियों के खातों में जमा की गई है. उन्होंने अपने कमीशन के रूप में राशि का लगभग 20 प्रतिशत रखने के बाद बकाया राशि आरोपी अनिल कुमार और उसके रिश्तेदारों के खाते में भेज दी थी. जांच में सामने आया है कि कुल 12 लाभार्थियों के बैंक खातों में लगभग 2.44 करोड़ रुपये की राशि जमा की गई है.
ईओडब्ल्यू, दिल्ली ने इस मामले में चार आरोपियों – कृष्ण, विजेंदर सिंह, अनिल कुमार और मीना कुमारी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है और अन्य छह के खिलाफ आरोप पत्र दायर करने के लिए अदालत से मंजूरी मांगी गई है. दिल्ली पुलिस संविधान के अनुच्छेद 311(2)(बी) के प्रावधानों को लागू करके पहले ही कृष्ण कुमार, विजेंदर सिंह, अनिल कुमार और मीना कुमारी को सेवा से बर्खास्त कर चुकी है. जांच अधिकारी ने बताया कि आरोपियों के खाते सीज होने के कारण गबन की गई धनराशि की वसूली नहीं हो सकी है.