नई दिल्ली . दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने साल 2016 से 2022 तक दिल्ली सरकार की दी जा रही फ्री बिजली सब्सिडी को लेकर बिजली कंपनियों का कैग (CAG) ऑडिट कराने के निर्देश दिए. कैग पैनल में शामिल बाहरी ऑडिटर द्वारा इन कंपनियों का विशेष ऑडिट कराया जाएगा, ताकि दिल्ली वालों को पारदर्शी तरीके से बिजली सब्सिडी का लाभ मिल सके.
आदेश के अनुसार, वितरण कंपनियों को जारी की गई बिजली सब्सिडी को लेकर विशेष लेखा परीक्षण में 2016-17 से 2021-22 की अवधि को लिया जाएगा. इसके अनुसार, लेखा परीक्षण सुनिश्चित करेगा कि सब्सिडी पारदर्शी और कुशल तरीके से लक्षित लाभार्थियों तक पहुंचे.
एलजी ने हाल ही में बिजली सब्सिडी का डिस्कॉम को किए गए वितरण का विशेष ऑडिट करवाने की मंजूरी दे दी थी. ऑडिट, कैग के पैनलबद्ध बाहरी लेखा परीक्षकों से करवाया जाएगा. वित्त वर्ष 2016-17 और 2021-22 के दौरान जारी सब्सिडी के ऑडिट के सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए एलजी ने सार्वजनिक धन का ऑडिट कैग से करवाया जाना चाहिए. पिछले छह वर्षों में डिस्कॉम को दिए गए 13,549 करोड़ रुपये का ऑडिट करने में सरकार को विफल बताते हुए विशेष ऑडिट की मंजूरी दी थी.
ऊर्जा मंत्री आतिशी ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आदेश पर बिजली कंपनियों के ऑडिट का आदेश किया गया है. सीएम केजरीवाल की तरफ से ऑडिट के लिए भेजी गई फाइल को एलजी वीके सक्सेना साहब ने मंजूरी दी है. इसके बाद आज आडिट का आदेश जारी हो गया है. बिजली कंपनियों की तरफ से कोई गड़बड़ी न की गई हो, इसे जानने के लिए ऑडिट आवश्यक था.
बिजली कंपनियों की तरफ से कोई गड़बड़ी न की गई हो, इसे जानने के लिए ऑडिट आवश्यक था. आतिशी ने कहा कि यह हास्यप्रद है कि केजरीवाल सरकार ने ऑडिट कराने की अधिसूचना जारी की है और श्रेय एलजी ले रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि एक तरफ उपराज्यपाल अधिकारियों के साथ मिलकर इस संबंध में फाइलें छिपाते हैं और विशेषज्ञों को हटा देते हैं और जब केजरीवाल सरकार डिस्कॉम कंपनियों का विशेष ऑडिट कराने का आदेश देती है तो वो उसका क्रेडिट लेने लगते हैं.