नई दिल्ली . दिल्ली सरकार और एलजी के बीच विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. राजधानी में कृषि भूमि के सर्किल रेट बढ़ाने के प्रस्ताव पर फिर दोनों आमने-सामने हैं. दरअसल, दिल्ली सरकार ने बीते दिनों कृषि भूमि के सर्किल रेट बढ़ाने संबंधी फाइल मंजूरी के लिए एलजी को भेजी थी, मगर एलजी ने इस पर कुछ सवाल पूछते हुए सरकार को फाइल वापस भेज दी.

दिल्ली सचिवालय में आयोजित पत्रकारवार्ता में इसे लेकर पूछे सवाल पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार की ओर से भेजे गए कृषि भूमि के सर्किल रेट बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव पर एलजी ने कुछ सवाल पूछे हैं. हम जल्द ही जवाब के साथ दोबारा फाइल एलजी को भेजेंगे. बताते चलें कि दिल्ली सरकार ने बीती 7 अगस्त को दिल्ली में कृषि भूमि के सर्किल रेट बढ़ाने को मंजूरी दी थी, चूंकि जमीन संबंधी मामले एलजी के अधिकार क्षेत्र में हैं, इसलिए उनकी मंजूरी के बाद ही नई दरों की अधिसूचना जारी होगी.

15 वर्ष पहले बढ़ी थी दर दिल्ली में लंबे समय से कृषि भूमि के सर्किल रेट बढ़ाने की मांग हो रही थी. आखिरी बार वर्ष 2008 में ये दरें बढ़ाई गई थीं. 15 साल के बाद नई दरों के साथ सर्किल रेट को 5 करोड़ रुपये प्रति एकड़ तक बढ़ाने का फैसला किया गया था. वर्तमान में कृषि भूमि की सर्किल दरें 53 लाख रुपये प्रति एकड़ हैं.

नई दिल्ली जिला और दक्षिणी जिला में 5 करोड़ रुपये प्रति एकड़, उतर, पश्चिम, उत्तर-पश्चिम और दक्षिण पश्चिम जिले में 3 करोड़ रुपये प्रति एकड़, मध्य और दक्षिण पूर्वी दिल्ली में 2.5 करोड़ रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से सर्किल रेट तय करने का प्रस्ताव है. वहीं शाहदरा, उत्तरी-पूर्वी और पूर्वी जिला में 2.25 करोड़ रुपये प्रति एकड़ सर्किल रेट का प्रस्ताव है. प्रस्तावित नई दरें लागू होने से किसानों को दो फायदे होते. पहला, किसान जब बाजार में अपनी जमीन बेचने जाते तो उन्हें अच्छी कीमत मिलती. दूसरा, सरकार जब भी किसी विकास कार्य के लिए किसानों की भूमि का अधिग्रहण करती तो उनको सर्किल रेट के हिसाब से उचित मुआवजा मिलता.

2017 की रिपोर्ट पर प्रस्तावित राजनिवास

कृषि भूमि का सर्कल रेट बढ़ाने का प्रस्ताव लौटाने को लेकर हो रहे विवाद के बीच राजनिवास ने कहा है कि वर्ष 2017 की रिपोर्ट के आधार पर इसे प्रस्ताव किया गया है. जिसके चलते अलग-अलग गांवों की स्थिति में विरोधाभास (ओवरलैपिंग) हो रहा है. इसके चलते ही फाइल पर स्पष्टीकरण मांगा गया है.