उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखकर कहा कि दिल्ली विधानसभा में एक विशेष बैठक बुलाया जाए, जिससे CAG की 24 रिपोर्ट को सदन में पेश किया जा सके. CAG रिपोर्ट शासन में पारदर्शिता की कसौटी है और इसे शीघ्र विधानमंडल में पेश करना सरकार का संवैधानिक कर्तव्य है.
उप राज्यपाल ने कहा कि सरकार अपने संवैधानिक कर्तव्य को पूरा करने में विफल रही है. दिल्ली विधानसभा का सत्र अभी स्थगित नहीं किया गया है, इसलिए उप राज्यपाल ने कहा कि संवैधानिक जनादेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए सत्र को तुरंत बुलाया जाना चाहिए. राजनिवास के अनुसार, ये 14 सीएजी रिपोर्ट दिल्ली में शराब विनियमन और आपूर्ति, प्रदूषण की रोकथाम, सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना और स्वास्थ्य सेवाओं का प्रबंधन, कार्यप्रणाली का प्रदर्शन और अन्य मुद्दों पर ऑडिट रिपोर्ट हैं. दिल्ली परिवहन निगम के राजस्व, व्यय और सरकार के वित्तीय ऑडिट भी शामिल हैं.
हाईकोर्ट को दी गई जानकारी: LG ने सोमवार को उच्च न्यायालय को बताया कि सीएजी रिपोर्ट को वित्त, शराब शुल्क और प्रदूषण से संबंधित मंजूरी मिल गई है, और LG ने विधानसभा अध्यक्ष से तुरंत एक विशेष बैठक बुलाने की मांग की है. दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता और भाजपा विधायकों ने याचिका दायर की थी, जिसमें उपराज्यपाल ने कहा कि वित्त मंत्री (दिल्ली की मुख्यमंत्री) ने मामले में अनुचित देरी की है. दिल्ली सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील ने कहा कि सीएजी रिपोर्ट स्पीकर को भेजी जाएगी.
‘सरकार दायित्व निर्वहन में रही विफल’
ज्ञापन में उप राज्यपाल ने बताया कि ये रिपोर्ट सरकार को विभिन्न तारीखों पर सीएजी से मिली थीं और उप राज्यपाल सचिवालय द्वारा लिखे गए पत्रों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. इसके अलावा, दिल्ली सरकार ने अपने संवैधानिक कर्तव्यों को पूरा करने में असफल रहा है.
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