शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश की डॉ मोहन यादव की सरकार ने सोम डिस्टलरी पर बड़ी कार्रवाई की है। बाल मजदूरी मामले में कंपनी का लाइसेंस निलंबित कर दिया है। फैक्ट्री में 59 नाबालिग बच्चे शराब बनाते मिले थे। सीएम की नाराजगी के बाद जिला आबकारी अधिकारी, तीन आबकारी SI और एक श्रम निरीक्षक पहले ही नप चुके हैं।

दरअसल, 15 जून को रायसेन जिले के सेहतगंज में शराब बनाने वाली कंपनी सोम डिस्टलरी से 59 बच्चे काम करते मिले थे। गैर सरकारी संस्था ‘बचपन बचाओ’ की शिकायत पर बाल संरक्षण आयोग की टीम ने बच्चों का रेस्क्यू किया था। बताया गया था कि बाल मजूदरों को स्कूल बस के माध्यम से फैक्ट्री में लाया जाता था और कम पैसे देकर 15-15 घंटे तक काम कराया जाता था। इन बाल मजदूरों के हाथ केमिकल से गलने लगे थे।

शराब फैक्ट्री में छापेमारी: 50 से ज्यादा बाल मजदूर मिले, 15-15 घंटे काम कराने और केमिकल्स से गलने लगी थी हाथों की चमड़ी

इस मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। सीएम के एक्शन मोड में आते ही प्रभारी जिला आबकारी आधिकारी कन्हैयालाल अतुलकर, मैसर्स सोम डिस्टलरीज प्राइवेट लिमिटेड, सेहतगंज को निलंबित किया गया था। साथ ही जिले के तीन आबकारी उप निरीक्षक प्रीति शैलेंद्र उईके, शैफाली वर्मा और मुकेश कुमार को सस्पेंड किया गया था। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में अब तक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई में से एक है। फिलहाल सोम डिसलरी 20 दिन के लिए सील की गई है।

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