नई दिल्ली। दिल्ली में उपराज्यपाल वीके सक्सेना (विनय कुमार सक्सेना) और केजरीवाल सरकार के बीच ठनी हुई है. ये कोई पहला मामला नहीं है, जब ऐसा हो रहा है, बल्कि पहले भी दो एलजी नजीब जंग और अनिल बैजल के साथ दिल्ली सरकार के मतभेद जगजाहिर रहे हैं. अब ताजा घटना में लेफ्टिनेंट गवर्नर विनय कुमार सक्सेना (Delhi Lieutenant Governor Vinay Kumar Saxena) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) को पत्र लिखकर अपने मंत्रियों को नियंत्रित करने के लिए कहा है. उन्होंने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा लगाए गए आरोप का खंडन करते हुए कहा कि सीएम केजरीवाल अपने मंत्रियों को ‘भ्रामक’ जानकारी फैलाने से रोकें. साथ ही अपने अधिकार की कानूनी स्थिति के बारे में भी बताया. उन्होंने लिखा कि मनीष सिसोदिया द्वारा उठाए गए सवाल तथ्यात्मक और कानूनी रूप से गलत हैं.

उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पत्र में लिखा कि ”यह दुखद और आश्चर्यजनक दोनों है कि डिप्टी सीएम ने उपरोक्त पत्र के माध्यम से इस विषय पर तथ्यात्मक और कानूनी रूप से गलत बयान दिए हैं, जबकि अनावश्यक रूप से एक वांछनीय प्रशासनिक कार्रवाई का राजनीतिकरण किया है”.

मनीष सिसोदिया ने एलजी पर उठाए थे सवाल

बता दें कि डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया था कि दिल्ली के उपराज्यपाल बेबुनियाद और पुरानी शिकायतों को बिना भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम नियमों का पालन करते हुए उन्हें एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को भेज रहे हैं. मनीष सिसोदिया (Deputy Chief Minister Manish Sisodia) ने बताया कि भाजपा सांसद मनोज तिवारी द्वारा अस्पताल बनाने में भ्रष्टाचार को लेकर की गई फर्जी शिकायत एक साल पुरानी है, तब पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल ने उसकी पड़ताल के बाद पाया कि यह शिकायत राजनीति से प्रेरित है, इसलिए उन्होंने इसमें आगे जांच के आदेश नहीं दिए. मनीष सिसोदिया के मुताबिक नए उपराज्यपाल ने इस एक साल पुरानी शिकायत को एसीबी को जांच के लिए सौंप दिया है. उन्होंने कहा कि हम जांच से नहीं डरते, लेकिन उपराज्यपाल वीके सक्सेना (Lt Governor VK Saxena) इसके लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करें.

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मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल को लिखा था पत्र

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने सवाल करते हुए कहा था कि क्यों नए एलजी पिछले एलजी के निर्णय को गलत मान रहे हैं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के नियमों का पालन नहीं करते हुए एसीबी को जांच के आदेश दे रहे हैं. इसे लेकर उन्होंने उपराज्यपाल को पत्र भी लिखा और कहा है कि यदि उपराज्यपाल को दिल्ली में भ्रष्टाचार रोकना है, तो वो भाजपा के नेताओं की जगह आम जनता से शिकायतें मांगें और देखें कि कैसे एमसीडी, दिल्ली पुलिस और डीडीए ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार से लिप्त हैं.

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एलजी वीके सक्सेना ने निरर्थक बयानों से बचने को कहा

इधर एलजी वीके सक्सेना ने आगे लिखा कि सुशासन के हित में मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप अपने मंत्रियों को ऐसे निरर्थक बयान देने से बचने की सलाह दें, जो भ्रामक हैं और अवरोध पैदा करने वाले हैं. एलजी विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 4 अगस्त 2016 को अपने फैसले में कहा है कि दिल्ली के शासन की संवैधानिक योजना के अनुसार, सेवा का विषय दिल्ली विधानसभा के दायरे से बाहर है. सक्सेना ने कहा कि यह फैसला अभी भी मान्य है, क्योंकि इस मुद्दे पर चुनी हुई सरकार द्वारा दायर दीवानी अपील पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ द्वारा सुनवाई की जानी बाकी है. उन्होंने कहा कि सावधानीपूर्वक शिकायत की जांच करने और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम 1988 और अदालतों द्वारा तय किए गए कानून के प्रावधानों के मुताबिक, पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत पर तफ्तीश की अनुमति दी गई है.

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