हेमंत शर्मा, इंदौर। पत्नी से झगड़े के बाद उसे बेरहमी से मौत के घाट उतारने वाले दरिंदे को आखिरकार सजा मिल गई। इंदौर के खजराना थाना क्षेत्र के चर्चित ममता हत्याकांड में आरोपी भीम उर्फ मोहन दाहिया को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। नवम अपर सत्र न्यायाधीश जितेन्द्र सिंह कश्यप की अदालत ने यह फैसला सुनाते हुए आरोपी पर ₹2,000 का अर्थदंड भी लगाया। यह कार्रवाई लोक अभियोजन विभाग की प्रभावी पैरवी के बाद संभव हुई। मामले में शासन की ओर से पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी सुरेन्द्र वास्केल ने की।
रात के सन्नाटे में रोंगटे खड़े कर देने वाला मंजर
6 मई 2024 की आधी रात — फरियादी जगदीश अपनी बेटी ममता के साथ घर में सो रहा था। तभी उसका दामाद मोहन उर्फ भीम अचानक पहुंचा। पहले तो उसने पत्नी से बहस की, फिर गालियों की बौछार शुरू कर दी। बात बढ़ी तो आरोपी ने पास पड़ी ईंट उठाई और सिर पर जोरदार वार किया। खून से लथपथ ममता जमीन पर गिर पड़ी। पिता उसे लेकर एमवाय अस्पताल भागा, लेकिन तीन दिन बाद 9 मई को ममता ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या, धमकी और गाली-गलौज की धाराओं में मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया। ठोस सबूतों और गवाहों की गवाही के बाद अदालत ने आरोपी को धारा 302 के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई।
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