रायपुर. वर्ष 2017 में राजधानी के सुंदर नगर से हुए कार्यपालन अभियंता के अपहण के मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने 5 आरोपियों को अलग-अलग धाराओं में आजीवन कारावास से लेकर एक वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. सभी सजा एक साथ चलेगी. वहीं मामले में शामिल एक नाबालिग आरोपी का प्रकरण किशोर न्याय बोर्ड में पेश करने का आदेश दिया जा चुका है.
जानकारी के अनुसार, सीएमजीएसवाई रायगढ़ में कार्यपालन अभियंता सुशील गुप्ता का 17 मार्च 2017 को अपहरण कर लिया गया था, उनकी पत्नी की सूचना पर पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर महज 18 गंटे में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर अपहरणकर्ताओं के चुंगल से छुड़ा लिया था. मामले में उनके पूर्व कर्मचारी कानपुर (उप्र) मनोज शर्मा के साथ उसकी पत्नी प्रीति शर्मा, अब्दुल समी और उनकी पत्नी मालती उर्फ खुशी, अब्दुल समी के साले अबोनी को और एक नाबालिग को पकड़ने में कामयाबी पाई थी.
मुख्य आरोपी मनोज शर्मा ने सुंदर नगर में रहने वाले सुशील गुप्ता के ठाठ-बाठ और बंगले को देखते हुए पैसा वसूल करने के लिए अपहरण की योजना अपने साथियों के साथ बनाई थी. अपहरण के लिए आरोपियों ने सुशील गुप्ता के चंगोराभाठा स्थित मकान को किराए पर लेने का बहाना बनाया था. सुशील के आने पर उसे माता-पिता से मिलाने के बहाने बोरियाकला स्थित मकान ले गए, जहां ऊपरी मंजिल में उसके हाथ-पैर बांधकर बंधकर बना लिया.
इसके बाद आरोपियों ने सुशील गुप्ता की पत्नी सुलभा से 10 लाख रुपए फिरौती की मांग की थी. पत्नी सुलभा ने समझदारी से काम लेते हुए इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी और पुलिस ने टीम गठित कर मोबाइल फोन का लोकेशन ट्रेस कर बंधक बनाए गए मकान में दबिश देकर मुख्य आरोपी और दो महिला सहयोगियों को मौके से गिरफ्तार किया था. बाद में अन्य तीन आरोपियों को पकड़ने में कामयाबी पाई थी.
अलग-अलग धाराओं में सुनाई गई सजा
प्रकरण पर सुनवाई के बाद चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश विवेक कुमार वर्मा ने सभी पांचों आरोपियों को धारा 364 (क) के तहत आजीवन कारावास, धारा 120 (बी) के तहत आजीवन कारावास, धारा 342 के तहत एक वर्ष का सश्रम कारावास के अलावा मनोज शर्मा, अब्दुल समी और अबोनी को अलग से धारा 323 के तहत एक वर्ष का सश्रम कारावास और आयुध अधिनियम की धारा 25(1) (क) के तहत पांच वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई. सभी सजा एक साथ चलेगी.