अयोध्या. गर्मी की शुरुआत होते ही हमारे पहनावे, खान-पान और रहन सहन में बदलाव होने लगा है. मौसम के हिसाब से चीजें उपयोग में लाई जा रही है. गर्मी से राहत देने वाले फल, खान-पान समेत कई उपाय किए जा रहे हैं ताकि गर्मी से कुछ आराम मिल सके. इसी तरह रामलला को भी गर्मी को देखते हुए पोशाक पहनाई जा रही है. न सिर्फ पोशाक, बल्कि उन्होंने भोग भी गर्मी के हिसाब से ही लगाया जा रहा है. यह बदलाव वैदिक परंपरा के अनुसार, भगवान को ठंडक देने के लिए किया गया है. भक्तों के लिए यह एक अनोखा आध्यात्मिक अनुभव है जो प्रभु की कृपा और प्रकृति के साथ जुड़ाव को दर्शाता है.

श्रीराम नवमी के बाद से मंदिर प्रशासन की ओर से भगवान के शृंगार और भोग में कई बदलाव किए गए हैं. अब रामलला को गर्मी में रेशमी वस्त्र धारण कराए जा रहे हैं, जो हल्के मुलायम हैं. साथ ही भगवान को भारी स्वर्ण आभूषणों की जगह अब चांदी और रत्नजड़ित हल्के अलंकरण पहनाए जा रहे हैं. इसके अलावा भगवान के मुकुट, कुंडल, कंठहार और अंगवस्त्र सभी गर्मी को देखते हुए पहनाए जा रहे हैं.

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फूल माला और भोग में भी बदलाव

गर्मी के लिए विशेष खादी और रेशम के वस्त्रों का चयन किया गया है. जो शरीर को ठंडक देते हैं. फूलों की मालाओं में अब गुलाब, बेला और चंपा जैसे शीतल प्रभाव वाले फूलों का उपयोग किया जा रहा है. इतना ही नहीं भगवान के भोग में भी बदलाव किया गया है. जिसमें ठंडी तासिर वाले मौसमी फलों, खीर, रबड़ी, मिश्री-पानी और गुलकंद आदि को शामिल किया जा रहा है.