भारत के चार पड़ोसी देशों की स्थिति पर शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत द्वारा दिए गए बयान पर बवाल खड़ा हो गया है। नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान और श्रीलंका का जिक्र करते हुए संजय राउत ने कहा था कि भारत की भी स्थिति ठीक नहीं है, गांधी की वजह से ये लोग बचे हुए हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और उनकी सरकार गांधी के विचारों की वजह से बची हुई है।

नेपाल में प्रदर्शन के दौरान नेताओं, उनके घरों को निशाना बनाए जाने और वित्त मंत्री की पिटाई के वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए UBT नेता संजय राउत ने कहा है कि यह हादसा किसी भी देश में हो सकता है! सावधान रहिए! भारत माता की जय! वंदे मातरम्! इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी, भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और बीजेपी को टैग भी किया है। उनके इस भड़काऊ बयान को लेकर शिंदे गुट ने शिकायत की है. यूबीटी सांसद ने कहा कि ये डर गए हैं. भ्रष्टाचार से ताकत मिलती है लेकिन नेपाल की क्रांति ने रास्ता दिखाया है. उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में जय हिंद, जय महाराष्ट्र और भारत माता की जय भी लिखा.

नेपाल की तरह महाराष्ट्र और भारत में...', संजय राउत के खिलाफ पुलिस में शिकायत, अब क्या बोले?

संजय निरुपम ने पुलिस को लिखी थी चिट्ठी

इससे पहले गुरुवार (11 सितंबर) को शिवसेना नेता संजय निरुपम ने नेपाल में जारी नागरिक अशांति के सिलसिले में सोशल मीडिया पर ‘देश-विरोधी’ टिप्पणी करने के लिए संजय राउत के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की मांग की. वर्सोवा पुलिस को लिखे एक पत्र में, निरुपम ने आरोप लगाया कि राउत ने कहा था कि इसी तरह की अशांति भारत में भी फैल सकती है. निरुपम ने कहा, ‘‘इस तरह के बयान का मकसद नागरिकों में भय पैदा करना है और ऐसी टिप्पणी देश के हितों के खिलाफ बयानबाजी के समान है. राउत की टिप्पणी असंवैधानिक, खतरनाक और अस्थिरता को बढ़ावा देने वाली है. पुलिस को राउत के खिलाफ उनकी देश-विरोधी टिप्पणी के लिए आपराधिक मामला दर्ज करना चाहिए.’’

नेपाल में Gen Z की हिंसा में 51 लोगों की मौत

नेपाल में Gen Z की हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 51 हो गई है. नेपाल पुलिस ने इसकी जानकारी दी. नेपाल में नई सरकार गठन को लेकर चर्चा चल रही है लेकिन अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है कि कौन अंतरिम सरकार की कमान संभालेगा. हालांकि नेपाल की पूर्व चीफ जस्टि सुशीला कार्की का नाम सामने आया है.

इस बीच नेपाल में नागरिक समाज से जुड़े एक संगठन ‘बृहत नागरिक आंदोलन’ (बीएनए) ने आरोप लगाया है कि देश में सैन्य मध्यस्थता के तहत राजशाही बहाल करने की साजिश रची जा रही है. संगठन का कहना है कि यह साजिश केपी शर्मा ओली प्रशासन के पतन के बाद संक्रमणकालीन सरकार के गठन के लिए राजनीतिक बातचीत जारी रहने के बीच रची जा रही है.

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