बिलासपुर- इंसानियत को शर्मसार करने वाली ये खबर रौंगटे खड़ी कर देगी. बलात्कारी बाबा राम रहीम के कारनामों के खुलासे के बाद अब देश के एक ऐसे नामचीन बाबा की करतूतें सामने आई है, जो आप सबके होश उड़ा देगी. इस बाबा की हैवानियत का शिकार छत्तीसगढ़ की बेटी हुई है. जगदगुरू की उपाधि रखने वाले इस बाबा ने छत्तीसगढ़ की बेटी की अस्मत लूटने की नापाक कोशिक की है. बाबा की करतूतें खुली, तो बिलासपुर में बाबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई.

दरअसल मामला राजस्थान के अलवर से जुडा हुआ है, जहां दिव्य धाम में भक्तों की भावनाओं को तहस नहस किए जाने का कारोबार चल रहा है. आरोप है कि दिव्य धाम संचालित करने वाले जगदगुरू रामानुजाचार्य़ स्वामी कौशलेंद्र प्रपन्नाचारी फलाहारी महाराज ने मूलरूप से बिलासपुर की रहने वाली और जयपुर में रहकर लाॅ की पढ़ाई कर रही युवती से बलात्कार की कोशिश की है. बताया जा रहा है कि पीड़िता ने जयपुर में एलएलबी की पढ़ाई के दौरान बाबा कौशलेंद्र प्रपन्नाचारी की सिफारिश पर ही  सुप्रीम कोर्ट के एक बड़े वकील के अधीन अपना इंटर्नशिप पूरा किया था. इंटर्नशिप खत्म होने के बाद पीड़िता को तीन हजार रूपए का मानदेय दिया गया.

अपनी जीवन की पहली कमाई से उत्साहित पीड़िता ने जैसे ही इसकी जानकारी अपने माता-पिता को दी, तो परिजनों ने सलाह दी कि अपनी पहली कमाई अलवर जाकर बाबा के चरणों में अर्पित कर दें. माता-पिता की सलाह के बाद पीड़िता अलवर के दिव्य धाम पहुंची, जहां उसने जगदगुरू स्वामी कौशलेंद्र प्रपन्नाचारी फलाहारी महाराज को तीन हजार रूपए अर्पित किया. इस दौरान ही पीड़िता से बाबा ने बलात्कार की कोशिश की.

पीड़िता ने पुलिस को बताई आपबीती

बिलासपुर के महिला थाने में दिए गए बयान में पीड़िता ने बताया है कि 7 अगस्त यानी रक्षाबंधन के दिन वह बाबा के दर्शन के लिए अलवर स्थित दिव्य धाम पहुंची थी. इंटर्नशिप के तौर पर कमाई गई पहली कमाई जगदगुरू स्वामी कौशलेंद्र प्रपन्नाचारी फलाहारी महाराज को अर्पित किए जाने के बाद बाबा ने पीड़िता से रात दिव्य धाम में ही रूकने का आदेश दिया. बाबा ने पीड़िता से कहा कि रात के अंधेरे में बेहतर भविष्य के लिए गुप्त दिव्य मंत्र देंगे. बाबा पर अथाह भक्ति ने पीड़िता को दिव्य धाम में रूकने पर मजबूर कर दिया.

 

क्या हुआ उस रात ?

पीडिता के बयान के मुताबिक जगदगुरू स्वामी कौशलेंद्र प्रपन्नाचारी फलाहारी महाराज ने शाम साढ़े सात बजे दिव्य धाम के अपने कक्ष में उसे बुलाया.  पीड़िता से कहा कि राजनीतिक, नौकरशाही, प्रशासनिक क्षेत्र से जुड़े कई लोग ऐसे हैं, जो उनके फालोवर हैं. पीड़िता को बाबा ने अपने मोबाइल फोन पर राजनेताओं के साथ अपनी तस्वीरें भी दिखाई. बाबा ने पीड़िता को यह भी झांसा दिया कि वह उसे हाईकोर्ट का जज बनवा देंगे. पुलिस रिकार्ड में दर्ज किए गए बयान में पीड़िता ने बताया कि-बाबा ने उससे कहा कि हमने तुम्हें बहुत कुछ दिया है, तुम हमें क्या दोगी.

बाबा के इन शब्दों के बीच पीड़िता सहमी भी, लेकिन आस्था ने बाबा पर विश्वास कायम रखा. पीडि़ता के बयान के मुताबिक इसके बाद बाबा ने उसे प्रसाद देते हुए ग्रहण करने का आदेश दिया. प्रसाद खाने के बाद पीड़िता अचेत अवस्था में चली गई. पीड़िता वह सब करते चली गई, जैसा-जैसा बाबा कहते रहे.  पीड़िता के मुताबिक बाबा की इस कृत्य के बीच ही एक बच्चे ने कक्ष का दरवाजा खटखटाया. दरवाजे की आहट के बाद पीड़िता घबराई और कक्ष से बाहर निकल गई. बाबा का दबाव था कि दिव्य धाम में उनके कक्ष के ऊपर ही बने कक्ष में वह रात रूके, लेकिन बाबा की करतूतों से खौफजदा पीड़िता दिव्य धाम परिसर से बाहर निकलकर वेद विद्यालय स्थित आश्रम में जा पहुंची, जहां उसने अपने आप को एक कमरे में बंद कर किसी तरह रात बिताया. अलसुबह पीड़िता बगैर किसी को सूचना दिए जयपुर के लिए रवाना हो गई. जयपुर पहुंचने के बाद पीड़िता 20 दिन गहरे अवसाद में रही.

 

टीवी पर राम रहीम के खुलासे को देखकर मिली प्रेरणा

जयपुर में 20 दिन गुजारने के दौरान अवसाद में डूबी पीड़िता ने टीवी पर सिरसा के डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम की आ रही खबरों को देखा. सीबीआई की विशेष कोर्ट में राम रहीम को दोषी करार दिये जाने के बाद पीड़िता प्रेरणा मिली और तभी पीडिता ने तय किया कि इस पूरे मामले का खुलासा करेगी. घटना के बाद सहमी पीड़िता बिलासपुर स्थित अपने घर लौटी और परिजनों को सिलसिलेवार घटना की जानकारी दी. बेटी के साथ गुजरे हालातों को सुनकर परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई. पीड़िता का परिवार पिछले 15 सालों से जगदगुरू से जुड़ा हुआ है. परिवार ने बाबा को लाखों रूपयों का दान भी दिया है. लगभग हर साल परिवार बाबा के दर्शन के लिए दिव्य धाम जाता रहा है. लेकिन बेटी के साथ बाबा के कृत्यों ने बाबा पर आस्था को ध्वस्त कर दिया.

 

डीजीपी की पहल से दर्ज हुआ मामला

चूंकि मामला बेहद हाईप्रोफाइल था, लिहाजा पीड़ित परिवार ने इस पूरे मामले की शिकायत डीजीपी ए एन उपाध्याय और बिलासपुर एएसपी अर्चना झा से की. उनकी पहल पर एएसपी अर्चना झा ने कार्रवाई शुरु की. महिला की पहचान को गोपनीय रखते हुए पुलिस की कार्रवाई शुरु की.  पहले बिलासपुर महिला थाना में पीड़िता का बयान दर्ज हुआ. फिर जगदगुरू स्वामी कौशलेंद्र प्रपन्नाचारी फलाहारी महाराज के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया गया. पुलिस ने प्रारंभिक विवेचना कर पीड़िता के माता-पिता का बयान लेने के साथ ही मजिस्ट्रेट के समक्ष धारा 164 के तहत भी पीड़िता का बयान दर्ज कराया.

विवेचना के बाद पुलिस ने केस डायरी तैयार कर बिलासपुर पुलिस की एक टीम को राजस्थान के अलवर के लिए रवाना किया है.