हिन्दू धर्म शास्त्रों में गंगाजल को न सिर्फ पवित्र माना गया है बल्कि इसके कई प्रकार से औषधीय गुणों से भरपूर भी कहा जाता है. जहां एक ओर गंगा में स्नान करने से व्यक्ति को उसके पापों से छुटकारा मिल जाता है. वहीं, घर में गंगाजल रखने से भी कई लाभ प्राप्त होते हैं. हालांकि कई लोग ऐसे भी हैं जिनके घर में गंगाजल नहीं होता है. ऐसे में लोग घर में यमुना जल लाकर रख लेते हैं क्योंकि यमुना जल प्राप्त करना गंगाजल से सरल है. आज हम आपको बताएंगे कि घर में यमुना जल रखना कितना सही है और क्या है इससे जुड़ा ज्योतिषीय एवं धार्मिक तर्क. तो चलिए जानते हैं इस बारे में विस्तार से.

घर में यमुना जल रखने से क्या होता

  1. गंगा की तरह ही कई और नदियां भी हैं जिन्हें पूजनीय माना जाता है. इन्हीं में से एक है यमुना. मथुरा-वृंदावन के अलावा और जिन-जिन शहरों से होकर यमुना बहती है उन स्थानों पर मौजूद घाटों पर गंगा आरती की तरह ही यमुना आरती का विधान है.
  2. इसके बाद भी शास्त्रों एमिन यमुना जल को घर पर लाना अशुभ माना जाता है. इसके पीछे का पहला कारण तो यह है कि यमुना मैय्या को श्री कृष्ण की पटरानी माना जाता है. यमुना मैय्या को श्री कृष्ण से यह वरदान प्राप्त है कि वह हमेशा कृष्ण चरणों में रहेंगी.
  3. इसी कारण से यमुना जल को घर में रखना वर्जित माना गया है. श्री कृष्ण के धाम या उनके चरणों के अलावा, यमुना कहीं किसी भी स्थान पर रुकती नहीं है. इसके अलावा, एक कारण यह भी है यमुना में यम का वास होता है. यमराज यमुना मैय्या के भाई हैं.
  4. ऐसे में यमुना के जल में यम का भी भाग माना गया है. यमुना जल को घर में रखना यम को अपने घर में स्थान देने जैसा माना गया है. यही वजह है कि घर में यमुना जल लाना अशुभ माना गया है. हालांकि यमुना स्नान करने से यमराज कभी उस व्यक्ति को परेशान नहीं करते हैं.