रायपुर. सोशल मीडिया में ऐसे भी कई लोग हैं जो ग़लत कमेंट या पोस्ट करते हैं. हम ये देख कर भले ही आगे बढ़ जाते हों मगर सच ये है कि इस तरह के ग़लत कमेंट और पोस्ट करना भी अपराध की श्रेणी में आता है. सोशल मीडिया पर ग़लत कमेंट करने पर सजा के लिए प्रावधान बने हुए हैं. यह बात अलग है कि हम अक्सर या तो इन प्रावधानों से अनभिज्ञ होते हैं या पता होते हुए भी नज़रंदाज़ कर देते हैं.
इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी आपत्ति जनक पोस्ट पर लाइक अथवा कमेंट करना भी सही नहीं है. ऐसा करने का मतलब है कि आप उस विचार का समर्थन करते हैं और आपको भी आई टी एक्ट के अंतर्गत उतनी ही सजा हो सकती है, जितनी कि पोस्ट पब्लिश करने वाले व्यक्ति को होगी.
आई टी एक्ट की धारा 67
आई टी एक्ट 2000 , इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से किये जाने वाले अपराधों को रोकने एवं उस से जुड़े अपराधों की सज़ा देने के लिए बनाया गया था. सोशल मीडिया से सम्बंधित अपराध भी आई टी एक्ट के अंतर्गत ही आते हैं. आई पी सी की धारा 153 A, 153 B, 292, 295 A और 499 के तहत सोशल मीडिया और किसी व्यक्ति को अपमान जनक सन्देश और उसके ख़िलाफ़ ग़लत कमेंट करने पर सजा का प्रावधान है. जुर्माने के साथ साथ 3 सालों तक सज़ा हो सकती है.
आई टी एक्ट की धारा 67A के तहत आरोपी को पांच वर्ष की कैद और जुर्माने का प्रावधान है. इन सभी धाराओं में ऐसी बहुत सी बातों के लिए सजा के प्रावधान हैं जो सोशल मीडिया पर ज़्यादा फैली हुई थी, इनके अंतर्गत सोशल मीडिया के माध्यम से साम्प्रदायिकता फैलाना, धार्मिक भावनाओ को आहत करना, अश्लीलता फैलाना , किसी पर ग़लत कमेंट करना आदि शामिल हैं. इन सभी धाराओं के अंतर्गत सोशल मीडिया पर ग़लत कमेंट करने पर सज़ा का प्रावधान है.
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