फीचर स्टोरी। कहते हैं अगर किसान को पानी मिल जाए, तो वह पत्थर का भी सीना चीर फसल उगा सकता है. अपना और अपने परिवार का पालन पोषण कर सकता है. कुछ इसी तरह की तस्वीर धमतरी में देखने को मिली, जहां के किसान ने अपनी मेहनत और सरकार की योजनाओं के बूते कुएं की खुदाई कराई, अब उस कुएं की पानी से सब्जी की खेती कर रहे हैं. जहां से अच्छी खासी आमदनी अर्जित कर रहे हैं. पहले से उनकी आर्थिक स्थिति काफी हद तक ठीक हो गई है. उनके आंगन में खुशहाली लौट आई है.
कुएं का पानी पीने के साथ सिंचाई का मुख्य स्त्रोत
दरअसल, गांव के लिए कुएं का होना कितना महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पूर्व में लोग जब भी कभी कोई नयी बस्ती या गांव बसाते थे तो सबसे पहले आस-पास जमीन में मीठे जल का स्त्रोत का पता लगाते थे. लोग पशुओं और निस्तारी के लिए तालाब का भी निर्माण करते थे. आज भी ग्रामीणों के लिए कुंआ और तालाब दिनचर्या का अटूट हिस्सा होता है. ग्रामीण इलाकों में कुंआ पानी का मुख्य स्त्रोत हुआ करते थे. कुएं का पानी पीने के साथ-साथ सिंचाई का मुख्य स्त्रोत था.
कुंआ का निर्माण कर हितग्राही लाभान्वित हो रहे
आधुनिक युग में कुंए का महत्व केवल विवाह एवं जन्म संस्कार के समय पूजन तक सिमट कर रह गया है. आज भी कुंआ को स्वच्छ जल का प्रतीक माना जाता है. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत ग्राम पंचायतों में भूजल संरक्षण एवं आजीविका साधन को ध्यान में रख कुंआ का निर्माण कर हितग्राही लाभान्वित हो रहे हैं.
जिले के नगरी विकासखंड के ग्राम पंचायत डोकाल के आश्रित ग्राम खाड़ादाह निवासी जोहन का महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत कुंआ निर्माण से जीवन में बदलाव आया. उनका पारिवारिक व सामाजिक जीवन का स्तर भी ऊंचा उठा. उन्होंने वित्तीय वर्ष 2020-21 में योजना के तहत निजी भूमि में सिंचाई कुंआ निर्माण कर वर्षों का अधूरा सपना पूरा किया.
2 लाख 61 हजार रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति
इस सिंचाई कुंआ निर्माण के पीछे ग्राम पंचायत की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. तकनीकी सहायक द्वारा स्थल निरीक्षण कर जिला कार्यालय से राशि- 2 लाख 61 हजार रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति हेतु प्राक्कलन तैयार किया गया, जिसकी कार्य स्वीकृति 02 दिसम्बर 2020 को प्राप्त हुई.
लाभान्वित हितग्राही जोहन ने बताया कि घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण सिंचाई कुंआ निर्माण कार्य संभव नहीं हो पा रहा था. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना के तहत ग्राम पंचायत के प्रस्ताव पर जिला कार्यालय से राशि- 2 लाख 61 हजार रूपये की स्वीकृति मिलते ही कुआं निर्माण कार्य किया गया.
कुंआ में पर्याप्त पानी मिलने से सब्जी भाजी उत्पादन के अतिरिक्त खेत में धान फसल की सिंचाई का आधार बनाया. इसके पहले फसल की सिंचाई बरसात के पानी पर आश्रित था, लेकिन कुंआ निर्माण होने से सूखे फसलों को पानी देकर अमृत का काम कर रही है. वहीं सब्जी उत्पादन से पहली बार में 02 हजार रूपये का मुनाफा हुआ जो आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ने के लिए प्रेरक बना.
66.82 लाख रूपये की स्वीकृति
जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोक्तिमा यादव ने बताया कि ग्राम पंचायत डोकाल मेें हितग्राहियों के मांग पर वित्तीय वर्ष 2020-21 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत 15 हितग्राही मूलक कुंआ निर्माण के लिए राशि-39.06 लाख रूपये एवं 2021-22 में 26 कुंआ निर्माण के लिए राशि-66.82 लाख रूपये की स्वीकृति दिया गया था.
इस योजना के तहत हितग्राही सब्जी उत्पादन एवं धान की फसल से दोगुना आमदनी अर्जित कर रहे हैं. वहीं परिवार का भरण पोषण भी कर रहे हैं. कुंआ निर्माण से हितग्राही पारंपरिक खेती के अलावा नगदी फसल उपजाने के प्रति आकर्षिक हो रहे हैं. आमदनी का स्त्रोत बढ़ने से हितग्राही व्यवसाय के प्रति चुनौती को भी मात दे रहे हैं.
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें,
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक