रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2174 करोड़ रुपये के शराब घोटाले मामले में 29 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने विशेष कोर्ट में करीब 2300 पन्नों का चालान पेश किया है, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। अब विशेष कोर्ट ने सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश होने का नोटिस जारी किया है।
बता दें कि शराब घोटाला मामले के सभी 29 आरोपियों का चालान कोर्ट में प्रस्तुत करने से पहले न्यायालय में पेश होने के लिए समन जारी किया गया था, लेकिन कोई भी आरोपी पेश नहीं हुए। इसके बाद अब EOW की विशेष कोर्ट ने सभी आरोपियों को नोटिस जारी कर 20 अगस्त को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है।

EOW ने शराब घोटाले में इन अधिकारियों को बनाया है आरोपी:
- जनार्दन कौरव, सहायक जिला आबकारी अधिकारी
- अनिमेष नेताम, उपायुक्त आबकारी
- विजय सेन शर्मा, उपायुक्त आबकारी
- अरविंद कुमार पाटले, उपायुक्त आबकारी
- प्रमोद कुमार नेताम, सहायक आयुक्त आबकारी
- रामकृष्ण मिश्रा, सहायक आयुक्त आबकारी
- विकास कुमार गोस्वामी, सहायक आयुक्त आबकारी
- इकबाल खान, जिला आबकारी अधिकारी
- नितिन खंडुजा, सहायक जिला आबकारी अधिकारी
- नवीन प्रताप सिंह तोमर, सहायक आयुक्त आबकारी
- मंजुश्री कसेर, सहायक आबकारी अधिकारी
- सौरभ बख्शी, सहायक आयुक्त आबकारी
- दिनकर वासनिक, सहायक आयुक्त आबकारी
- मोहित कुमार जायसवाल, जिला आबकारी अधिकारी
- नीतू नोतानी ठाकुर, उपायुक्त आबकारी
- गरीबपाल सिंह दर्दी, जिला आबकारी अधिकारी
- नोहर सिंह ठाकुर, उपायुक्त आबकारी
- सोनल नेताम, सहायक आयुक्त आबकारी
- प्रकाश पाल, सहायक आयुक्त आबकारी
- अलेख राम सिदार, सहायक आयुक्त आबकारी
- आशीष कोसम, सहायक आयुक्त आबकारी
- ए.के. सिंह, जिला आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त)
- राजेश जायसवाल, सहायक आयुक्त आबकारी
- जे.आर. मंडावी, जिला आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त)
- जी.एस. नुरुटी, सहायक आयुक्त आबकारी (सेवानिवृत्त)
- देवलाल वैद्य, जिला आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त)
- ए.के. अनंत, जिला आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त)
- वेदराम लहरे, सहायक आयुक्त आबकारी (सेवानिवृत्त)
- एल.एल. ध्रुव, सहायक आयुक्त आबकारी (सेवानिवृत्त)
गौरतलब है कि राज्य में शासकीय शराब दुकानों के माध्यम से बी-पार्ट शराब की अवैध बिक्री के खुलासे के बाद, आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो (ACB) ने इस घोटाले की जांच में बड़ा कदम उठाते हुए चतुर्थ पूरक चालान आज न्यायालय में प्रस्तुत किया है। यह चालान 5 जुलाई को दाखिल किया जाना था, लेकिन विशेष न्यायाधीश के अवकाश के चलते इसे आज पेश किया गया।
क्या है बी-पार्ट शराब घोटाला?
वर्ष 2019 से 2023 के बीच, राज्य के 15 बड़े जिलों में पदस्थ आबकारी अधिकारी और अन्य प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा बिना ड्यूटी चुकाई गई देसी शराब (B-Part शराब) की शासकीय दुकानों में समानांतर अवैध बिक्री की गई। बस्तर और सरगुजा संभाग को छोड़कर चयनित जिलों में अधिक खपत वाली देसी शराब दुकानों को डिस्टलरी से सीधे अतिरिक्त अवैध शराब भेजी जाती थी, जिसे वैध शराब के साथ समानांतर बेचा जाता था।
इस पूरे नेटवर्क में डिस्टलरी, ट्रांसपोर्टर, सेल्समैन, सुपरवाइजर, आबकारी विभाग के जिला प्रभारी अधिकारी, मंडल व वृत्त प्रभारी, और मैन पावर एजेंसी के अधिकारी-कर्मचारी शामिल थे। अवैध शराब को “बी-पार्ट शराब” कहा जाता था, और इससे अर्जित रकम सीधे सिंडीकेट के पास पहुंचाई जाती थी।
3200 करोड़ का घोटाला, 60 लाख से अधिक पेटियों की बिक्री
EOW/ACB द्वारा अब तक की गई जांच और 200 से अधिक व्यक्तियों के बयान एवं डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर अनुमान है कि लगभग 60,50,950 पेटी बी-पार्ट शराब की अवैध बिक्री हुई है, जिसकी अनुमानित कीमत 2174 करोड़ रुपये से अधिक है। पहले इस घोटाले का अनुमान 2161 करोड़ रुपये था, लेकिन नवीनतम आंकड़ों के अनुसार घोटाले की कुल राशि 3200 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है।
अब तक हुई प्रमुख गिरफ्तारियां
इस प्रकरण में अब तक अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी, कवासी लखमा, विजय भाटिया सहित कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। FIR के अनुसार 70 आरोपी नामजद हैं। चतुर्थ पूरक चालान की प्रस्तुति हेतु न्यायालय ने आरोपियों को नोटिस जारी किए थे, लेकिन वे न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए।
जांच जारी
EOW/ACB द्वारा अब भी इस मामले की गहन जांच जारी है, जिसमें विदेशी शराब में लिये गये सिंडीकेट कमीशन, धन शोधन के नेटवर्क और राज्य स्तरीय समन्वय तंत्र की परतें खोली जा रही हैं।
पूर्व मंत्री को घोटाले में मिले 64 करोड़ रुपये
शराब घोटाला मामले की जांच में अब तक यह सामने आया है कि पूर्व मंत्री कवासी लखमा के संरक्षण में विभागीय अधिकारियों, सहयोगियों और ठेकेदारों के माध्यम से यह सुनियोजित घोटाला किया गया। इस घोटाले से प्राप्त रकम को व्यक्तिगत और पारिवारिक हितों में खर्च किया गया, जिससे उन्हें अनुचित आर्थिक लाभ प्राप्त हुआ। अब तक तीन पूरक अभियोग पत्रों सहित कुल चार अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किए जा चुके हैं। इस मामले में अब तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जांच जारी है।
21 जनवरी से जेल में हैं कवासी लखमा
गौरतलब है कि शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 15 जनवरी को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। इससे पहले उनसे दो बार ED कार्यालय बुलाकर पूछताछ की गई थी। गिरफ्तारी से पहले उन्हें 7 दिन की कस्टोडियल रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई थी। उसके बाद 21 जनवरी से 4 फरवरी तक उन्हें 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजा गया था। पिछली सुनवाई के दौरान जेल में पर्याप्त सुरक्षा बल नहीं होने के कारण उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने फिर उनकी रिमांड 18 फरवरी तक बढ़ा दी थी।
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