CG Liquor Scam Case : वीरेन्द्र गहवई, बिलासपुर. हाईकोर्ट ने प्रदेश में हुए आबकारी घोटाले के आरोपी अनवर ढेबर की याचिका खारिज कर दी है. याचिका में ACB और EOW की गिरफ्तारी को अवैधानिक बताते हुए एफआईआर रद्द करने समेत अन्य मांग की गई थी.


शराब घोटाले में ईडी की जांच रिपोर्ट के आधार पर ACB में FIR दर्ज कराई गई है. जिसमें दो हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाला होने का दावा किया है. ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के अवैध सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था. मामले में अनवर ढेबर को एसीबी ने गिरफ्तार किया था.
आरोपी अनवर ढेबर ने अपनी याचिका में एसीबी की एफआईआर और गिरफ्तारी को चुनौती दी थी. याचिका में संविधान के अनुच्छेद 21 और 22 का हवाला देते हुए कहा कि उसे 4 अप्रैल को बिना सूचना हिरासत में लिया गया, परिवार को भी सूचना नहीं दी गई. अगले दिन दोपहर 2 बजे औपचारिक गिरफ्तारी की गई. उसने आरोप लगाया कि गिरफ्तारी का पंचनामा, कारणों की सूचना और केस डायरी की कॉपी नहीं दी गई, यह सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के खिलाफ है. याचिका में 5 और 8 अप्रैल को विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) द्वारा दिए गए पुलिस रिमांड आदेशों को भी रद्द करने की मांग की. मामले की सुनवाई के दौरान राज्य शासन की तरफ से बताया गया कि सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब डूप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई थी. जिसकी वजह से शासन को करोड़ों के राजस्व का नुक़सान हुआ है, यह गंभीर अपराध है, जिसमें दो बार याचिका खारिज हो चुकी है.
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