भारतीय शेयर बाजार में आज भले ही सामान्य कारोबारी माहौल रहा हो, लेकिन शराब से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली. ख़ास तौर पर जीएम ब्रेवरीज लिमिटेड और सुला वाइनयार्ड्स लिमिटेड के शेयरों ने निवेशकों को चौंका दिया.
दिन के कारोबार में जीएम ब्रेवरीज का शेयर 17% उछलकर ₹848 के स्तर पर पहुंच गया, जबकि सुला वाइंस का शेयर 12% की मजबूती के साथ ₹335 तक चढ़ गया.
इस उछाल का सीधा कारण महाराष्ट्र सरकार द्वारा घोषित नया उत्पाद शुल्क ढांचा है, जिसने इस सेक्टर के समीकरणों को पूरी तरह से बदल दिया है.
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क्या है सरकार का नया फैसला?
महाराष्ट्र सरकार ने शराब पर उत्पाद शुल्क (Excise Duty) के ढांचे में बड़ा बदलाव किया है.
अब उत्पादन लागत के आधार पर शुल्क को 3 गुना से बढ़ाकर 4.5 गुना कर दिया गया है.
इस फैसले से राज्य में उत्पादित भारतीय और विदेशी शराब महंगी हो जाएगी.
विशेष रूप से 180 मिली लीटर देसी शराब की कीमत में ₹80 तक की बढ़ोतरी हो सकती है.
इस कदम का असर बाजार में साफ तौर पर देखने को मिला, जहाँ कुछ कंपनियों के शेयर चढ़े, तो कुछ में गिरावट दर्ज की गई.
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GM ब्रेवरीज: क्यों आई इतनी तेजी?
जीएम ब्रेवरीज लिमिटेड, जिसे महाराष्ट्र में देसी शराब के उत्पादन में अग्रणी माना जाता है, को इस नीति बदलाव से संभावित लाभ मिल सकता है.
2025 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी राज्य सरकार द्वारा प्राप्त कुल उत्पाद शुल्क में 25–30% योगदान देती है.
सरकार के साथ इसका स्थानीय पकड़ और मजबूत वितरण नेटवर्क, इसे नए ढांचे में प्रतिस्पर्धी बढ़त दे सकता है.
इसी कारण निवेशकों ने जीएम ब्रेवरीज के शेयरों में जबरदस्त दिलचस्पी दिखाई और शेयर में 17% की उछाल दर्ज की गई.
सुला वाइनयार्ड्स: इसे क्यों हुआ फायदा?
सुला वाइनयार्ड्स लिमिटेड को लाभ इस वजह से हुआ क्योंकि सरकार ने वाइन को नई उत्पाद शुल्क नीति से बाहर रखा है. यानी वाइन पर कोई नई ड्यूटी लागू नहीं होगी.
यह खबर निवेशकों के लिए राहतभरी रही, क्योंकि इससे कंपनी के मुनाफे पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा.
महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा शराब उत्पादक राज्य है और सुला इस सेक्टर की प्रमुख कंपनियों में से एक है.
यही कारण है कि निवेशकों ने सुला वाइन के शेयरों में विश्वास जताया और 12% की तेजी दर्ज की गई.
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किसे हुआ नुकसान?
जहाँ जीएम ब्रेवरीज और सुला वाइन के शेयरों ने रफ्तार पकड़ी, वहीं यूनाइटेड स्पिरिट्स और एलाइड ब्लेंडर्स एंड डिस्टिलर्स जैसी कंपनियों पर इस नीति का नकारात्मक असर पड़ा.
इन कंपनियों के उत्पादों पर नई ड्यूटी लागू हो सकती है, जिससे इनके शेयरों में लगभग 6% की गिरावट आई.
बाजार की चाल रही सपाट, लेकिन शराब सेक्टर में आया तूफान
आज भले ही शेयर बाजार में व्यापक स्तर पर हलचल कम रही हो, लेकिन शराब सेक्टर ने सभी सुर्खियाँ बटोरीं.
इंडेक्स लेवल पर बाजार सपाट कारोबार करता दिखा, लेकिन उत्पाद शुल्क नीति में बदलाव ने इस खास सेक्टर में भारी हलचल पैदा कर दी.
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