नई दिल्ली. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश के 6 शिक्षण संस्थानों को उत्कृष्ट संस्थानों का दर्जा दिया है. इन संस्थानों में 3 सरकारी और 3 निजी संस्थान शामिल है. मंत्रालय की ओर से जिन संस्थानों को इस लिस्ट में शामिल किया गया है, उसमें सार्वजनिक क्षेत्र के आईआईटी दिल्ली, आईआईटी बॉम्बे और आईआईएससी बेंगलुरु का नाम शामिल है. वहीं निजी संस्थानों में मनिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, बिट्स पिलानी और जियो इंस्टीट्यूट का नाम है.

उत्कृष्ट संस्थानों के नामों की घोषणा करते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि देश के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस (उत्कृष्ट संस्थान) काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में हमारे यहां 800 विश्वविद्यालय हैं, लेकिन इनमें से एक भी टॉप 100 या 200 की विश्व रैंकिंग में शामिल नहीं है.

वहीं जियो इंस्टीट्यूट के नाम की घोषण को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. दरअसल ये संस्थान अभी अस्तित्व में नहीं और अभी खुला नहीं है. बताया जा रहा है कि सरकार ने जियो इंस्टीट्यूट को ग्रीनफील्ड कैटेगरी के तहत चुना है, जो कि नए संस्थानों के लिए होती है और उनका कोई इतिहास नहीं होता है. हालांकि अभी तक इंटरनेट पर जियो इंस्टीट्यूट के कैंपस, कोर्स आदि के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है. यह एक प्रोजेक्टेड संस्थान है.

जावड़ेकर के अनुसार, इससे इन संस्थानों के स्तर एवं गुणवत्ता को तेजी से बेहतर बनाने में मदद मिलेगी और साथ ही पाठ्यक्रमों को भी जोड़ा जा सकेगा. जावड़ेकर ने विश्व स्तरीय संस्थान बनाने के प्रयासों को करने की बात भी कही. जावड़ेकर ने कहा कि रैंकिंग को बेहतर करने के लिये टिकाऊ योजना, पूरी आज़ादी और सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों को वित्त पोषण की जरूरत होती है. मोदी सरकार की प्रतिबद्धता अकादमिक संस्थानों में हस्तक्षेप नहीं करना और इनको अपने अनुसार आगे बढ़ने की इजाजत देना है.

उन्होंने कहा कि इस दिशा में नरेन्द्र मोदी सरकार की ये पहल मील का पत्थर साबित होने वाली है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि आने वाले समय में और संस्थानों को उत्कृष्ठ संस्थान के रूप में मान्यता मिल सकेगी.